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जिया रानी मेला 2021 || उत्तराखण्ड उत्तरायणि मेला ||Uttarayani Fair Ranibagh || jiya rani temples

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via https://youtu.be/-j2xeNWJvXk  दोस्तों आज की इस वीडियो में हम देख रहे हैं। उत्तराखंड में मनाए जाने वाला मकर संक्रांति का मेला रानीबाग हल्द्वानी में आयोजित किया जाता है। उसकी क्या क्या विशेषता है वहां और कौन-कौन से आप मंदिर यहां पर मिलेंगे। आपको देखने को उसकी जानकारी में आज की वीडियो में आप लोगों को दे रहा हूं। यहां पर शनिदेव का मंदिर है। भगवान शिव को समर्पित मंदिर शीतला देवी की गुफाएं और साथ में शीतला देवी नाम से एक घागरा प्रसिद्ध है , तो आईये जानते हैं  जिया रानी जिया रानी का वास्तविक नाम मौला देवी था, जो हरिद्वार (मायापुर) के राजा अमरदेव पुंडीर की पुत्री थी। सन 1192 में देश में तुर्कों का शासन स्थापित हो गया था, मगर उसके बाद भी किसी तरह दो शताब्दी तक हरिद्वार में पुंडीर राज्य बना रहा। मौला देवी, राजा प्रीतमपाल की दूसरी रानी थी। मौला रानी से 3 पुत्र धामदेव, दुला, ब्रह्मदेव हुए, जिनमें ब्रह्मदेव को कुछ लोग प्रीतम देव की पहली पत्नी से जन्मा मानते हैं। मौला देवी को राजमाता का दर्जा मिला और उस क्षेत्र में माता को ‘जिया’ कहा जाता था इस लिए उनका नाम जिया रानी पड़ गया। पुंडीर राज्य क

Republic day india || गणतंत्र दिवस की शुभकामनाएं 🇮🇳 || देवभूमि उत्तराखंड || #ऐसादेशहैमेरा ||

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via https://youtu.be/r6wL0r5qXDk

नैनीताल उत्तराखंड || Nanital Tourist Places || NanitalTrip 2021

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via https://youtu.be/7h_Lh9_2XHw

उत्तरायणि कौथिक लखनऊ || Uttarayani Mela 2021 || Uttrarayni mela Lucknow 2021 ||

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via https://youtu.be/IcBxL0zmnaU

कोट भ्रामरी मंदिर ड़गोली बागेश्वर || UTTARAKHAND India

कोट भ्रामरी मंदिर ड़गोली बागेश्वर , कोर्ट की माई उत्तराखंड के कुमाऊं मंडल के बागेश्वर जनपद के प्रसिद्ध बैजनाथ मंदिर समूह के लगभग 3 किलोमीटर की दूरी पर एक ऊंची पहाड़ी पर अवस्थित कोर्ट की मां ब्राह्मणी देवी का नाम से जाना जाने वाला यह दे वाले किस लिहाजा में महत्वपूर्ण है कि यहां पर कवियों के कुलदेवी ब्राह्मणी और चंदू की कुलदेवी नंदा की सामूहिक अर्चना की जाती है। ब्राह्मणी देवी का विवरण दुर्गा सप्तशती के ग्यारहवें अध्याय में प्राप्त होता है। नंदा के संबंध में यह जनहित प्रचलित है कि जब तक।शासक नंदा की शीला को गढ़वा से अल्मोड़ा के लिए ले जा रहे थे तो रात्रि विश्राम हेतु इसके निकट स्थान झाली माझी गांव में रुके थे। अपने अगले दिन प्रातः काल किसे ले जाने के लिए सब सेवकों ने इसे उठाना चाहा तो शीला को उठाना तो क्या वह उनसे 1 इंच भी नहीं मिल सकी। वह सब हताश होकर बैठ गए। जब ब्राह्मणों ने राजा को सलाह दी तो देवी का मन यहां रम गया। वहां यही रहना चाहती है तथा इसकी यहीं पर स्थापना कर दे। सदा अनुसार झाली माझी। गांव में ही एक देवालय का निर्माण करवाया कर वहीं पर।     और अधिक जानकारी प्राप्त करने के लिए यु

भैरवनाथ मंदिर रानीबाग हल्द्वानी || UTTARAKHAND TEMPLE ||#PANKAJ_TEWARI

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kumbh mela || हरिद्वार कुंभ मेला 2021 || हरिद्वार के प्रमुख आकर्षण के केंद्र || कुंभ मेला २०२१ ||

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via https://youtu.be/xeBNIazeA5I