संदेश

हरू (हरूज्यू ) देवता लेबल वाली पोस्ट दिखाई जा रही हैं

हरू (हरूज्यू ) देवता || उत्तराखंड || haru devta ki kahani || harju baisi || haru devta history ||

चित्र
via https://youtu.be/tKYxi0Adics Devbhoomi uttarakhand कुमाऊं के लोक देवता। हरू हरु एक अच्छी प्रवृत्ति शुध्द आचरण और दैवीय शक्ति से परिपूर्ण सात्विक देवता हैं। हरू की पूजा पूरे कूर्मांचल में बड़ी श्रध्दा से पूजा होती है। कहते हैं चंपावत के राजा थे हरीशचंद्र। वे राजपाट छोड़कर तपश्वी हो गये और हरिद्वार में रहने लगे। ऐसी कहावत है हरिद्वार में हरि की पैड़ी हरू देवता ने ही बनाई। उन्होंने चारों धाम जगन्नाथपुरी, रामेश्वर, बद्रीनाथ और द्वारिकापुरी की परिक्रमा की। चारों धामों से लौटकर चंपावत में ही अपना जीवन दीन दुखियों की सेवा व धर्म कर्म में व्यतीत करने लगे। हरूज्यू नेअपना एक भ्रातिमंडल भी बनाया। उनके भाई लाटू व सेवक स्यूरा, प्यूरा, रूढ़ा कठायत, खोलिया, मेलिया, मंगलिया, उजलिया सब उनके शिष्य हो गए और राजा हरू उनके गुरू हो गए। तपस्या, सदाचार, ध्यान व योग के कारण हरज्यू सर्वत्र पूजे जाने लगे। उनकी कृपा से अपुत्र को पुत्र, निर्धन को धन, दुखी सुखी होने लगे, अंधे देखने लगे, लंगड़े चलने लगे, धूर्त सदाचारी होने लगे। देहावसान के बाद हरूज्यू के मंदिर बनाकर पूजा होने लगी। कुमाऊं में यह बात प्रचल