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कलवा देवता || kalwa devta Jager || history of baba kalwa Pawan || कलवा देवता उत्तराखंड ||

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via https://youtu.be/d_aZxtqokO0   56 कलवे एक से अनेक कैसे हो गए 1👉कुछ तांत्रिक आज भी स्मशान से कलवे सिद्ध करके लाते है 2👉 56 कलवे गुगा राणा से पांच बावरी ने पाए गुगा ने ये माया गोरखनाथ से पाए थे 56 कलवे 64 योगिनी 52 भैरव आज भी 5 बावरी की शक्ति मे से एक साथ की शक्ति है 3👉भगत कहते है 56 कलवे नागे ने अपने धुनें से निकले सेवा मे ये स्मशान कैसे पहुच गए 4,👉बाबा कलवा पौन बाबा भैरव जैसे आग जैसे रूप के मालिक माने जाते है जैसे भैरव के रूप एक से अनेक नाम और जगह पर पूजा जाता है बाबा भैरव दारू का मुख्य भोग लेता है उसी तरह बाबा कलवा पौन किस किस के जोड़े मे चल देते कोई गुरु ही बता सकता है अगर बाबा कलवा पौन अकेला होता है तो दारू और खून की धार लेता है अक्सर सूअर की बलि दी जाती है पांच बावरी भी धुनें से निकले है गुरु नागे को पांच बावरी आज भी गुरु मानते है ये दुनिया जानती है 5 बावरी को कलवा चांदनी चौक पर छोड़ के भाग गया था उत्तर प्रदेश मे 56 कलवे (बाबा कलवा पौन)आज भी खरदौनी के मालिक माने जाते है ये रखवा गुरु के मान पर चलते है फिर भी कलवा पौन को भगत गुरु मार भी कहते है अगर कोई शक्ति अपने सेवक को ही म

कलुवा kalwa devta

उत्तराखंड 🇮🇳🇮🇳की सभ्यता संस्कृति🙏 #pankajdevbhoomi🙏🙏 कलुवा: ग्वेल देवता की कथा में जिस सिलबट्टे का जिक्र आता है, उसे ही कलुवा और राजा हलराय का पुत्र कहा जाता है। कहते हैं कि इनकी उत्पत्ति सिलबट्टे से हुई थी। गड़देवी के जागर में इनका जिक्र भी आता है। थान में इनके नाम पर खिचड़ी पकाई जाती है। इन्हें मुर्गे की बलि चढ़ती है। 56 कलवा का इतिहास 56 कलवों का पूरा इतिहास आज तक कोई जान नही पाया 56 कलवे एक से अनेक कैसे हो गए 1) कुछ तांत्रिक आज भी स्मशान से कलवे सिद्ध करके लाते है 2) 56 कलवे गुगा राणा से पांच बावरी ने पाए गुगा ने ये माया गोरखनाथ से पाए थे 56 कलवे 64 योगिनी 52 भैरव आज भी 5 बावरी की शक्ति मे से एक साथ की शक्ति है 3) भगत कहते है 56 कलवे नागे ने अपने धुनें से निकले सेवा मे ये स्मशान कैसे पहुच गए 4) बाबा कलवा पौन बाबा भैरव जैसे आग जैसे रूप के मालिक माने जाते है जैसे भैरव के रूप एक से अनेक नाम और जगह पर पूजा जाता है बाबा भैरव दारू का मुख्य भोग लेता है उसी तरह बाबा कलवा पौन किस किस के जोड़े मे चल देते कोई गुरु ही बता सकता है अगर बाबा कलवा पौन अकेला होता है तो दारू और खून की धार लेता ह