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Chambu devta || history of chamu devta || chambu devta Uttarahand || चमू देवता

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via https://youtu.be/Gddp-l-xbdQ youtube video लोहाघाट, जेएनएन : नेपाल सीमा से लगे गुमदेश क्षेत्र का ऐतिहासिक चमू देवता मंदिर पांडव कालीन इतिहास की जीती जागती मिसाल है। इस मंदिर का निर्माण पांडवों ने अज्ञातवास के दौरान किया था। नवरात्र के दौरान मंदिर में पूजा अर्चना करने वालों का तांता लगा रहता है। इसी मंदिर में प्रतिवर्ष चैत्र नवरात्र में सीमावर्ती गांवों के प्रसिद्ध चैतोला मेले का आयोजन होता है। मान्यता है कि श्रद्धा भाव से मांगी गई हर मुराद चमू देवता पूरी करते हैं। देव भूमि में यत्र-तत्र स्थित मन्दिर व देवालय अपनी विशिष्ट मान्यताओं के लिए प्रसिद्ध हैं। गुमदेश क्षेत्र के चमदेवल में स्थित चमू देवता मन्दिर भी प्रगाढ़ आस्था का केंद्र है। इस मंदिर का निर्माण अज्ञातवास के दौरान यहां पहुंचे पांडवों ने किया था। मंदिर के अन्दर शिवलिंग व दीवारों पर विराजमान पांडव कालीन मूर्तियां इसका प्रमाण हैं। कहा जाता है कि तत्कालीन समय में शक्तिशाली दैत्य बकासुर ने क्षेत्र में आतंक मचाया हुआ था, जिससे परेशान एक  वृद्ध महिला ने दैत्य के आतंक से कुल नाश की आशंका को देखते हुए चमू देवता से दैत्य से रक्षा कर

उत्तराखंड के भूतआऊंगी देवता! || Names of gods of Uttarakhand || uttarakhand ke Devi devta

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उत्तराखंड 🇮🇳🇮🇳 की सभ्यता, संस्कृति 🙏 से आपको जोड़ने की कोशिश 🙏🙏 उत्तराखंड की सभ्यता और संस्कृति से जुड़ने की जानकारी कै के लिए पेज को फोलो करें , जय देवभूमि जय उत्तराखंड जय हिन्द उत्तराखंड के देवी-देवता भाग 2 भूतंगी = 👌 इस वर्ग में उन मृत आत्माओं की गणना की जाती है  जिनकी मृत्यु किसी दुर्घटना आदि से हुई हो, या किसी कारणवश उनकी हत्या कर दी हो, उन लोगो को   के रिश्तेदारों के साथ उपासकों को पीड़ा देने लगती है, जब वे पीड़ित होते हैं, तो उनके रिश्तेदार पुजारी के पास जाते हैं और उन्हें संतुष्ट करने का तरीका ढूंढते हैं, फिर उन्हें यहां का निवासी बनाकर पूजा करते हैं। कुछ देवताओं के नाम लिख रहा हूँ,  1 गंगनाथ  2 लाटू देवता   3 चुर्मल देवता  3. आधि आदि के अलावा भूत इनमें प्रेत मसान और डायन आदि का भी नाम आता है, दोस्तों आज के इस वीडियो में आपने देखा कि उत्तराखंड के देवी देवताओं के नाम क्या हैं और उनकी पूजा कैसे की जाती है। मैं आपको इसके बारे में अपने नेट से एक श्रृंखला में बताऊंगा। इस श्रंखला में मैंने आपको बताया है कि उत्तराखंड में जिन देवी-देवताओं की पूजा की जाती है वे किस रूप में और उ

Goddess of Uttarakhand || Goddess of Uttarakhand in English || उत्तराखंड के देवता

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उत्तराखंड 🇮🇳🇮🇳 की सभ्यता ,संस्कृति 🙏 से आपको जोड़ने की कोशिश 🙏🙏 उत्तराखंड की सभ्यता और संस्कृति से जोड़ी जानकारी कै लिए पेज को फोलो करें , जय देवभूमि जय उत्तराखंड जय हिन्द #उत्तराखंड का इतिहास ,  उत्तराखंड के देवी देवता Lok Devkul Among the deities in this Devkul, worship in our Uttarakhand is ancestral deity, out of which the names of some deities are such as Gol Devta, Bholanath, Gangnath, Narasimha etc.  If these deities are said, then these people are the committee of the deity public, these people worship the deities to avoid their wrath, though these deities are limited to the masses but in them the goodness of the people and the power to torture them.  Keep ..  This deity is not a Vedic avatar, but this king or his heroic son was killed before the completion of his life, which was established and worshiped by the people for their protection,           But it is to be remembered here that his paddy was established when he started persecuting and he showed

उत्तराखंड की सभ्यता और संस्कृति || Uttarakhand civilization and culturebin Hindi ||

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तिमुल उत्तराखंड की संस्कृति और उत्तराखंड की सभ्यता। उत्तराखंड की संस्कृति के मौसम और जलवायु के अनुरूप है या उत्तराखंड एक पहाड़ी इलाका है और इसलिए यहां ठंड बहुत होती है। इसलिए ठंडी जलवायु के आस-पास ही उत्तराखंड की संस्कृति के सभी पहलुओं जैसे रहन-सहन, वेशभूषा, लोककला इत्यादि घूमते हैं। 1 रहन-सहन   2 त्योहार,     3खान-पान,   4 वेशभूषा लोक कलाएं। 5 लोक नृत्य,  6 भाषाएं इत्यादि उत्तराखंड के सभ्यता संस्कृति 1 उत्तराखंड के रहन-सहन रहन-सहन   के मकान पक्के होते हैं। दीवारों पत्रों की होती है। पुराने घरों के ऊपर से पत्थर बिछाए जाते हैं। वर्तमान में लोकतंत्र का उपयोग करने लगते हैं। अधिकतर घरों में रात को रोटी तथा दिन में भात खाने के प्रचलन है। लगभग हर महीने कोई ना कोई त्योहार मनाया जातास्थानीय स्तर पर गाए जाने वाली देहात राजभर आदि दालों का प्रयोग होता है। प्राचीन समय में मधु आवाज मंगल स्थानी मोटा अनाज होता था। अब इनका उत्पादन बहुत कम हो गया। अब लोग बाजार से गेहूं चावल खरीदना है। फिर से के साथ पशुपालन लगभग सभी घरों में होता है। घर में उत्पत्ति अनाज कुछ ही महीनों के लिए

गंगनाथ देवता जागर || || kumauni Jager || जागर kumauni || bhana gangnath Jager ||

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via https://youtu.be/Z0GiH2Kc8SY

ऐड़ी देवता || उत्तराखंड || Aadhi devta temple || history of Aadhi devta || UTTARAKHAND ke Devi-devta

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via https://youtu.be/xOQKwoeYkvk ऐड़ी देवता कहा जाता है कि ऐड़ी देवता रात के समय घने जगलों के शिखरों पर घूमता है. शिकार के शौक़ीन ऐड़ी देवता कुत्तों के साथ घुमते हैं जिनके गले में घंटी बजी होती है. ऐड़ी देवता के चार हाथ होते हैं जिनमें वह धनुष बाण, तलवार, त्रिशूल, लोहे के डंडे इत्यादि पकड़े रहते हैं. आंचरी और चांचरी नाम की दो चुड़ेलें ऐड़ी देवता की अंग रक्षक होती हैं. ऐड़ी देवता की पालकी उनके दो सेवक साऊ और भाऊ उठाते हैं. ऐड़ी देवता भूत और परियों के साथ घुमते हैं. ऐड़ी देवता के विषय में माना जाता है  कि जो भी उसके कुत्तों का भौंकना सुन लेता है अवश्य कष्ट पाता है. भारत सरकार के संस्कृति मंत्रालय की वैबसाइट में ऐड़ी देवता के विषय में लिखा गया है कि य यदि किसी पर ऐड़ी की नज़र पड़ गई, तो वह मर जाता है. उन लोगों के साथ ऐसा कम होता है जो अस्र-शस्रों से सुसज्जित रहते हैं. ऐड़ी का थूक जिस पर पड़ गया, तो विष बन जाता है. इसकी दवा ‘झाड़-फूँक’ है. ऐड़ी को सामने-सामने देखने से मनुष्य तुरंत मर जाता है, या उसकी आँखों की ज्योति चली जाती है, या उसे कुत्ते फाड़ डालते हैं, या परियाँ (आँचरी, कींचरी) उसक

उत्तराखंड के देवी - देवता || क्यों पुजे जाते हैं देवी-देवता || Goddess of Uttarakhand

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via https://youtu.be/x3EJSk42atU infometion uttrakhand devi devta part2 video in youtube follw #devbhoomipankaj