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गर्जिया देवी मंदिर रामनगर || girjiya Devi temple uttarakhand

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https://youtu.be/rSkuQpsi3GU के माध्यम से गर्जिया देवी मंदिर रामनगर उत्तराखंड  गर्जिया देवी मंदिर या गिरिजा देवी मंदिर उत्तराखण्ड के सुंदरखाल गांव में स्थित है, जो माता पार्वती के प्रमुख मंदिरों में से एक है। यह मंदिर श्रीमान एवं विश्वास का अद्भुत उदाहरण है। उत्तराखण्ड का यह प्रसिद्ध मंदिर रामनगर से लगभग 15 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। मंदिर छोटा पहाड़ के ऊपर बना है, जहां का खूबसूरत माहौल शांति और रमणीयता का अपमान है। देवी के प्रसिद्ध मंदिरों में गिरिजा देवी का स्थान अनूठा है। गिरिराज हिमालय की पुत्री होने के कारण ही इन्हें इस नाम से पुकारा जाता है। मान्यता है कि जिन मंदिरों में देवी वैष्णवी के रूप में स्थित हैं, उनकी पूजा पुष्प प्रसाद से की जाती है और जहां शिव शक्ति के रूप में होती हैं, वहां बलिदान का प्रावधान है। इतिहास पुरातत्ववेत्ताओं का कथन है कि कूर्मांचल की सबसे प्राचीन लिपि ढिकुली के पास थी, वर्तमान में रामनगर बसा हुआ है। कोसी नदी के किनारे बसी इसी नगरी का नाम तब 'वैराट पत्नियां' या 'वैराट नगर' था। कत्यूरी राजाओं के आगमन के पूर्व यहां पहले कुरु राजवंश के राजा

jiya Rani temple Ranibag || Live Darshan jiya rani || RANIBAG HALDWANI

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via https://youtu.be/Sm2kPFo7PXc नमस्कार दोस्तों आज की इस वीडियो में हम देख रहे हैं। जिया रानी का प्रसिद्ध मंदिर जो कि रानीबाग हल्द्वानी में स्थित है। वह हल्द्वानी से 7 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। नैनीताल हाइवे पर यही से कुछ दूरी से भीमताल को भी रोड करती है। एक भीमताल को करते हैं और एक भवाली को वही का खूबसूरत जियूं। मैं आज की वीडियो में आप लोगों को देखा रहा हूं। उम्मीद करता हूं। आप लोगों को वीडियो जरूर पसंद आएगी। वीडियो पसंद आती है तो अधिक से अधिक लोगों तक शेयर जरूर कीजिएगा और ऐसी वीडियो के लिए चैनल को सब्सक्राइब जरूर कीजिएगा। #uttarakhandtempleyatra

जय मां हाट कलिका ||Hat Kalika Temple gangolihat ||Adorable Goddes of Kumaon Regiment ||

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via https://youtu.be/6sG5Y3DuHZU आज हम आपको एक ऐसे मंदिर के बारे में बताने जा रहे हैं कि जिसे कुमाऊं रेजिमेंट की आराध्य देवी कहा जाता है, हाट कलिका मंदिर  मान्यता  मान्यता के अनुसार, कालिक का रात में डोला चलता है। इस डोले के साथ कालिका के गण, आंण व बांण की सेना भी चलती है। कहा जाता है कि अगर कोई इस डोले को छू ले तो उसे दिव्य वरदान की प्राप्ति होती है। कुमाऊं रेजिमेंट की अराध्य हैं देवी, बताया जाता है कि हाटकालिका मंदिर में विराजमान महाकाली इंडियर आर्मी की कुमाऊ रेजिमेंट की आरध्य हैं। बताया जाता है कि इस रेजिमेंट के जवान युद्ध या मिशन पर जाते हैं तो इस मंदिर का दर्शन जरूर करते हैं। यही कारण है कि इस मंदिर के धर्मशालाओं में किसी न किसी आर्मी अफसर का नाम जरूर मिल जाते हैं। सुबेदार शेर सिंह के नेतृत्व में हुई थी महाकाली की मूर्ति की स्थापना बताया जाता है कि 1971 में पाकिस्तान के साथ छिड़ी जंग के बाद कुमाऊ रेजीमेंट ने सुबेदार शेर सिंह के नेतृत्व में महाकाली की मूर्ति की स्थापना हुई थी। बताया जाता है कि ये सेना द्वारा पहली मूर्ति स्थापित की गई थी। इसके बाद कुमाऊ रेजिमेंट ने साल में 1994 मे