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मई, 2021 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

नरसिंह देवता || Narsingh Bhagwan Mandir Joshimat |Narsingh devta Temple|Narsingh Mandir Uttarakhand

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via https://youtu.be/bFQadrE-wkE

तुमुल फल || Uttarakhand fruit tumul || Fruit in Uttarakhand India || #pankaj080

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उत्तराखंड 🇮🇳🇮🇳 की सभ्यता ,संस्कृति 🙏 से आपको जोड़ने की कोशिश 🙏🙏 उत्तराखंड की सभ्यता और संस्कृति से जोड़ी जानकारी कै लिए पेज को फोलो करें , जय देवभूमि जय उत्तराखंड जय हिन्द Tumul fruits Friends, in which post today we are getting to know the famous fruit of Uttarakhand called Timul इस फल का उपयोग (Use of this fruit) इस फल का उपयोग सब्जी के रूप में भी किया जाता है और स्वास्थ्य के लिए भी अच्छा होता है।  तमिले का रायता बहुत लोकप्रिय है।  इस पेड़ की पत्तियों का उपयोग प्लेटों के प्रतिस्थापन के रूप में किया जाता है, ज्यादातर धार्मिक मामलों में। तिमिल भी जंगली फलों की श्रेणी में आता है।  हालाँकि पत्तियाँ स्वयं फल से अधिक महत्वपूर्ण और महत्वपूर्ण होती हैं।  इस फल पर एक ताजा शोध में पाया गया है कि टिमिल में कैंसर ठीक करने वाले गुण होते हैं और यह कैंसर रोगियों के लिए एक दवा की तरह है।  तिमिल के पत्ते बहुत लंबे और चौड़े होते हैं इसलिए इसका उपयोग प्राचीन काल से सामान रखने के लिए किया जा रहा है।  3 या 4 तिमिली के पत्तों को मिलाकर भोजन परोसने के लिए प्लेट के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है।

MALAY NATH DEVTA TEMPLE || SIRKOT MANDIR DIDIHAT || JAI MALAYNATH SWAMI || Uttarakhand temple Yatra

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via https://youtu.be/5Hd_YXlBNEM

Famous furit s in Uttarakhand India || Breweries aristata || उत्तराखंड के फल

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उत्तराखंड 🇮🇳🇮🇳 की सभ्यता ,संस्कृति 🙏 से आपको जोड़ने की कोशिश 🙏🙏 उत्तराखंड की सभ्यता और संस्कृति से जोड़ी जानकारी कै लिए पेज को फोलो करें ,  इस भाग में हम जान रहे  भारत उत्तराखंड के प्रमुख फलों के बारे में आज का फल है| Breweries aristata किलमोड़ा (वैज्ञानिक नाम- ब्रेवरीज एरिस्टाटा) प्रकृति ने उत्तराखंड को कुछ ऐसे तोहफे दिए हैं, जिनके बारे में अगर सही ढंग जान लिया तो आपके शरीर से बीमारियां हमेशा के लिए दूर भाग सकती हैं। खास तौर पर पहाड़ी क्षेत्रों में प्रकृति के गोद में ही आपको कई बी मारियों का इलाज मिल जाएगा। आज हम आपको कंटीली झाड़ियों में उगने वाले एक फल के बारे में बता रहे हैं। ये छोटा सा फल बड़े काम का है। आम तौर पर इसे किलमोड़ा नाम से ही जाना जाता है। इसकी जड़, तना, पत्ती, फूल और फल हर एक चीज बेहद काम की है। इस पौधे में एंटी डायबिटिक, एंटी इंफ्लेमेटरी, एंटी ट्यूमर, एंटी वायरल और एंटी बैक्टीरियल तत्व पाए जाते हैं। डायबिटीज के इलाज में इसका सबसे ज्यादा इस्तेमाल किया जाता है। वनस्पति विज्ञान में ब्रेवरीज एरिस्टाटा को पहाड़ में किलमोड़ा के नाम से जाना जाता है। इसकी करीब 45

Fruits in Uttarakhand || what is the famous fruit in Uttarakhand || AlooBukhara

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उत्तराखंड 🇮🇳🇮🇳 की सभ्यता ,संस्कृति 🙏 से आपको जोड़ने की कोशिश 🙏🙏 उत्तराखंड की सभ्यता और संस्कृति से जोड़ी जानकारी कै लिए पेज को फोलो करें , दोस्तों आज हम जान रहे देवभूमि_उत्तराखंड के फल  आलूबुखारा [पोलम] अलूचा या आलूबुखारा काअंग्रेजी नाम - प्लम ; वानस्पतिक नाम : प्रूनस_डोमेस्टिका) एक पर्णपाती वृक्ष है। इसके फल को भी अलूचा या प्लम कहते हैं। फल, लीची के बराबर या कुछ बड़ा होता है और छिलका नरम तथा साधरणत गाढ़े बैंगनी रंग का होता है। गूदा पीला और खटमिट्ठे स्वाद का होता है। #भारत में इसकी खेती बहुत कम होती है; परंतु अमरीका आदि देशों में यह महत्वपूर्ण फल है। आलूबुखारा (प्रूनस बुखारेंसिस) भी एक प्रकार का अलूचा है, जिसकी खेती बहुधा अफगानिस्तान में होती है। अलूचा का उत्पत्तिस्थान दक्षिण-पूर्व यूरोप अथवा पश्चिमी एशिया में काकेशिया तथा कैस्पियन सागरीय प्रांत है। इसकी एक जाति प्रूनस सैल्सिना की उत्पत्ति चीन से हुई है। इसका जैम बनता है। आलू बुख़ारा एक गुठलीदार फल है आलू बुख़ारे लाल, काले, पीले और कभी-कभी #हरे रंग के होते हैं। आलू बुख़ारों का ज़ायका मीठा या खट्टा होता है और अक्सर इनका पतला

Devbhoomi Updated 2021 || Ancient temples of India ||

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via https://youtu.be/x5-QnBu4H4c

KEDARNATH KAPAT OPEN 2021||. kedarnath temple || baba Kedarnath dham ||

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via https://youtu.be/xCz4AJSsFqg

TAPKESHWAR MANDIR DEHRADUN UTTARAKHAND | टपकेश्वर महादेव मंदिर||TAPKESHWAR MHADEV TEMPLE UTTARAKHAND

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via https://youtu.be/AlmKKrvfJjs उत्तराखंड के टपकेश्वर महादेव मंदिर पर एक नमूना ब्लॉग पोस्ट यहाँ दी गई है: --- ## उत्तराखंड के टपकेश्वर महादेव मंदिर की आध्यात्मिक शांति की खोज देहरादून की हरी-भरी घाटी में बसा, टपकेश्वर महादेव मंदिर भगवान शिव को समर्पित एक पूजनीय तीर्थ स्थल है। अपनी प्राकृतिक सुंदरता और आध्यात्मिक माहौल के लिए मशहूर यह प्राचीन मंदिर पूरे देश से भक्तों और पर्यटकों को आकर्षित करता है। ### ऐतिहासिक महत्व टपकेश्वर महादेव मंदिर का इतिहास बहुत पुराना है। ऐसा माना जाता है कि यह मंदिर उस गुफा में स्थित है जहाँ महाभारत के कौरवों और पांडवों के शाही गुरु गुरु द्रोणाचार्य ने भगवान शिव का ध्यान और पूजा की थी। मंदिर का नाम गुफा की छत से शिव लिंग पर लगातार गिरने वाली पानी की बूंदों के नाम पर रखा गया है, जो भगवान शिव की दिव्य उपस्थिति का प्रतीक है। ### वास्तुकला का चमत्कार यह मंदिर अपनी प्राकृतिक गुफा संरचना के कारण अद्वितीय है। जैसे ही आप मंदिर के पास पहुंचेंगे, आप आस-पास के जंगल की प्राकृतिक सुंदरता और पास में बहती नदी की शांत ध्वनि से मंत्रमुग्ध हो जाएंगे। गुफा के अंदर, शिव लिंग

जय मां हाट कलिका ||Hat Kalika Temple gangolihat ||Adorable Goddes of Kumaon Regiment ||

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via https://youtu.be/6sG5Y3DuHZU आज हम आपको एक ऐसे मंदिर के बारे में बताने जा रहे हैं कि जिसे कुमाऊं रेजिमेंट की आराध्य देवी कहा जाता है, हाट कलिका मंदिर  मान्यता  मान्यता के अनुसार, कालिक का रात में डोला चलता है। इस डोले के साथ कालिका के गण, आंण व बांण की सेना भी चलती है। कहा जाता है कि अगर कोई इस डोले को छू ले तो उसे दिव्य वरदान की प्राप्ति होती है। कुमाऊं रेजिमेंट की अराध्य हैं देवी, बताया जाता है कि हाटकालिका मंदिर में विराजमान महाकाली इंडियर आर्मी की कुमाऊ रेजिमेंट की आरध्य हैं। बताया जाता है कि इस रेजिमेंट के जवान युद्ध या मिशन पर जाते हैं तो इस मंदिर का दर्शन जरूर करते हैं। यही कारण है कि इस मंदिर के धर्मशालाओं में किसी न किसी आर्मी अफसर का नाम जरूर मिल जाते हैं। सुबेदार शेर सिंह के नेतृत्व में हुई थी महाकाली की मूर्ति की स्थापना बताया जाता है कि 1971 में पाकिस्तान के साथ छिड़ी जंग के बाद कुमाऊ रेजीमेंट ने सुबेदार शेर सिंह के नेतृत्व में महाकाली की मूर्ति की स्थापना हुई थी। बताया जाता है कि ये सेना द्वारा पहली मूर्ति स्थापित की गई थी। इसके बाद कुमाऊ रेजिमेंट ने साल में 1994 मे

Nandi sawari kare tripurari || har har Mahadev || Siva Song ||#Pankaj080 || #Shorts

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via https://youtu.be/v6pX_Sq-riY

उत्तराखंड लोक वाद्य यंत्र मशकबीन |music instrument Utttarakhand ||music instrument Bagpiper||#Shorts

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via https://youtu.be/2yrjo3o_ym4

निरंकार देवता उत्तराखंड || Nirankar Devta Story In Hindi || nirankar devta jager

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निरंकार देवता भारत के उत्तराखंड में एक पूजनीय देवता हैं, जो अपनी अनूठी पूजा-पद्धतियों और महत्वपूर्ण सांस्कृतिक महत्व के लिए जाने जाते हैं। देवता को "जागर" नामक पूजा के पारंपरिक तरीके से मनाया जाता है, जिसमें देवताओं और पूर्वजों की आत्माओं को बुलाने के लिए गायन, कहानी सुनाना और अनुष्ठान शामिल हैं। निरंकार देवता को एक निराकार देवता माना जाता है, जो ईश्वर के अनंत और सर्वव्यापी पहलुओं को दर्शाता है। निरंकार देवता से जुड़े अनुष्ठानों में अक्सर विशिष्ट प्रसाद और प्रार्थनाएँ शामिल होती हैं, और वे क्षेत्र की स्थानीय लोककथाओं और धार्मिक प्रथाओं में एक गहरा स्थान रखते हैं।  अधिक विस्तृत जानकारी के लिए, आप निरंकार देवता की कहानियों और पूजा-पद्धतियों को समर्पित ब्लॉग पोस्ट और वीडियो देख सकते हैं। यहाँ एक [ YouTube वीडियो ]( है जो उत्तराखंड में निरंकार देवता की कहानियों और महत्व पर प्रकाश डालता है। via https://youtu.be/D3x4n0VlU20

kumauni song || तेरी लिजी नोकरी छोड़ी आयू || उत्तराखंड लोक गीत || #shorts

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via https://youtu.be/N1WmCyfB-cU