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जून, 2020 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

UTTARAKHAND || ABOUT DEVBHOOMI UTTARAKHAND || देवभूमि उत्तराखंड || क्यो और केसे बना यूट्यूब चैनल ||

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via https://youtu.be/TMi5TpDi46k

मेरा मुलुक चल घुमी आली || welcome gheti -Bhilkot uttarakhand ||

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via https://youtu.be/Aeho0UxJxuo

उत्तराखंड के फल || fruits of Uttarakhand ||नासपाती,दाड़ीम, आलूबुखारा, || pankaj uttarakhand ||

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via https://youtu.be/pcjqpJVoH6I तीसरा फल है, अ श औनंधंहै एक पोलम का छोटा रूप है जिस तरह से पोलम होता है, उसी तरह का होता है, लेकिन यह पोलम से छोटा और अघीक  खट्टापन होता है ,इसको चटनी बनाने के लिए उपयोग (युज) किया जाता है।  इसकी चटनी की बनाई जाती है ,

विश्व पर्यावरण दिवस2020 || World Environment Day 2020 ||माता पिता की तरह निस्वार्थ प्रेम |uttrakhand

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via https://youtu.be/ZqPPcc3Kcbc विश्व पर्यावरण दिवस इतिहास संयुक्त राष्ट्र संघ ने सन 1972 में इस कोर्ट होम में एक अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहला परिणाम सम्मेलन आयोजित किया था, जिसमें 119 देश शामिल हुए थे। इसके बाद से उनका विश्व पर्यावरण दिवस मनाया जाने लगा। 1972 में इस दिन को मनाने की नींव रखीआज विश्व पर्यावरण दिवस है। यह हर साल दुनिया भर में 5 जून को मनाया जाता है। पर्यावरण की समस्या पर सन 1972 में संयुक्त राष्ट्र संघ में खोट है। मैं विश्व भर के देशों का पहला पर्यावरण सम्मेलन आयोजित किया था इसमें 119 देशों में देशों ने भाग लिया और पहली बार एक ही पृथ्वी में सिद्धांत मां ने किया कि इसी सम्मेलन में संयुक्त राष्ट्र संघ कार्यक्रम का जन्म हुआ था तथा प्रति वर्ष 5 जून को पर्यावरण दिवस आयोजित कर के नागरिकों के प्रदूषण की समस्या से अवगत कराने का निश्चय किया गया था। इसका मुख्य उद्देश्य पर्यावरण के प्रति जागरूकता लाते हुए राजनीतिक चेतना जागरूकता करना आम जनता को प्रेरित करना था।मानव जीवन प्रकृति संसाधनों पर आधार आधारित है। हजारों वर्षों में हम प्रकृति पर आरक्षित है। पर पिछले कुछ दशकों से हमने आवश्य...

गंगा दशहरा 2020 || गंगा दशहरा महत्व || pankaj uttarakhand

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उत्तराखंड 🇮🇳🇮🇳की सभ्यता संस्कृति🙏 #pankajdevbhoomi🙏🙏 Video Link गंगा दशहरा 2020। गंगा दशहरा के पर्व पर घरों में गंगा दशहरा द्वारा पात्र लगाने को बहुत ही शुभ माना जाता है। मान्यता है कि इस द्वार पत्र को लगाने से घर में विनाशकारी सत्या प्रवेश नहीं करती और प्रजापति बिजली गिरने जैसी घटनाओं से बचाव होता है। इसके साथ घर में नकारात्मक ऊर्जा में प्रवेश को भी द्वार पत्र रोकता है तथा घर में सुख समृद्धि और बनी रहती है। उत्तराखंड में यह परंपरा प्रमुख रूप से प्रचलित है। गंगा दशहरा द्वारा।पत्र ऐसा होता है क्या करने में इस पत्र को घर के मुख्य दरवाजे पर लगाने की परंपरा इस तत्व को विशेष तौर पर तैयार किया जाता है। भोजपत्र से या फिर श्वेत पत्र से मात्र मंत्रों पर लिखकर दरवाजे पर चिपकाया जाता है। यह मंत्र वर्ग कार होना चाहिए। इस मंत्र इस पत्र पर भगवान शिव गणेश दुर्गा सरस्वती गंगा आरती के रंगीन चित्र बनाकर उनके चारों तरफ एक ही वितरित वितरित कमाल दलों की आकृति बनाई जाती है। लाल पीले और हरे रंग का प्रयोग किया जाता है। द्वारकेश लोग गंगा दशहरा द्वारा पात्र में सिद्धि पत्र माना जाता है। मान्यताओं के अन...