बसंत पंचमी || बसंत पंचमी का महत्व || 2025 basant panchami
उत्तराखंड 🇮🇳🇮🇳 की सभ्यता ,संस्कृति 🙏 से आपको जोड़ने की कोशिश 🙏🙏
उत्तराखंड की सभ्यता और संस्कृति से जोड़ी जानकारी कै लिए पेज को फोलो करें ,
जय देवभूमि जय उत्तराखंड जय हिन्द
बसंत पंचमी
बसंत पंचमी हिन्दू धर्म का एक प्रमुख त्योहार है, जिसे वसंत ऋतु के आगमन का प्रतीक माना जाता है। यह पर्व माघ मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को मनाया जाता है। इसे सरस्वती पूजा के रूप में भी मनाया जाता है, क्योंकि इस दिन माँ सरस्वती की पूजा-अर्चना की जाती है।
बसंत पंचमी का महत्व
1. शिक्षा और ज्ञान का पर्व –
इस दिन माता सरस्वती की आराधना कर विद्या, संगीत, कला और बुद्धि की प्राप्ति की कामना की जाती है।
2. वसंत ऋतु का स्वागत– यह दिन प्रकृति में बदलाव का सूचक है, जब चारों ओर हरियाली और सरसों के पीले फूल खिलने लगते हैं।
3. विवाह और शुभ कार्यों की शुरुआत – बसंत पंचमी को अबूझ मुहूर्त माना जाता है, यानी इस दिन बिना किसी ज्योतिषीय गणना के विवाह और अन्य शुभ कार्य किए जा सकते हैं।
बसंत पंचमी की परंपराएँ
- इस दिन लोग **पीले वस्त्र** पहनते हैं और पीले रंग के खाद्य पदार्थ (खिचड़ी, हलवा, केसर युक्त मिठाइयाँ) खाते हैं।
- **विद्यालयों और शिक्षण संस्थानों** में सरस्वती पूजा का आयोजन होता है।
- **पतंग उड़ाने** की परंपरा भी इस दिन कई स्थानों पर निभाई जाती है, विशेष रूप से उत्तर भारत में।
### **बसंत पंचमी 2025 तिथि**
**बसंत पंचमी 2025 में 2 फरवरी (रविवार) को मनाई जाएगी।**
क्या आप इस पर्व से जुड़ी किसी विशेष जानकारी की तलाश में हैं?
उत्तराखंड का इतिहास ,
भारत उत्तराखंड की महत्वपूर्ण मंदिर, व संस्कृति से जुड़ी जानकारी प्राप्त कर पेज को फोलो करें
जय हिन्द
PANKAJ TEWARI
Devbhoomi India 🇮🇳
टिप्पणियाँ