2025 में कब है वसंत पंचमी ? || basant panchami katha
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पूजा विधि
वसंत पंचमी
वसंत पंचमी हिन्दू पंचांग के अनुसार माघ मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को मनाई जाती है। यह पर्व विशेष रूप से विद्या, बुद्धि और संगीत की देवी **माँ सरस्वती** की पूजा-अर्चना के लिए प्रसिद्ध है। इसे **श्री पंचमी** और **सरस्वती पूजा** के नाम से भी जाना जाता है। इस दिन को वसंत ऋतु के आगमन का प्रतीक भी माना जाता है।
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वसंत पंचमी महत्व
1. माँ सरस्वती की पूजा – इस दिन माँ सरस्वती का जन्म हुआ था, जो ज्ञान, संगीत, कला और विद्या की देवी मानी जाती हैं।
2. विद्यार्थियों के लिए विशेष दिन – कई जगहों पर इस दिन छोटे बच्चों को शिक्षा ग्रहण करने की शुरुआत करवाई जाती है, जिसे अक्षरारंभ या विद्यारंभ संस्कार कहते हैं।
3. बसंती रंग का महत्व– इस दिन पीले वस्त्र पहनना शुभ माना जाता है, क्योंकि पीला रंग समृद्धि, ऊर्जा और ज्ञान का प्रतीक है।
4. वसंत ऋतु का आगमन– इस दिन से वसंत ऋतु की शुरुआत मानी जाती है, जिसमें प्रकृति में नया जीवन और उल्लास आता है।
पूजा विधि
- प्रातः स्नान कर के पीले वस्त्र धारण करें।
- माँ सरस्वती की मूर्ति या चित्र स्थापित कर पूजन करें।
- सरस्वती वंदना और मंत्रों का जाप करें –
*“या कुन्देन्दुतुषारहारधवला या शुभ्रवस्त्रावृता।
या वीणावरदण्डमण्डितकरा या श्वेतपद्मासना॥”*
- पीले पुष्प, हल्दी, चावल और केसर का प्रयोग करें।
- बच्चों को पढ़ाई-लिखाई से संबंधित सामग्री भेंट करें।
कब है वसंत पंचमी 2025?
वसंत पंचमी 2025 की सही तिथि और शुभ मुहूर्त जानने के लिए पंचांग देखना उचित रहेगा।
यह पर्व न केवल आध्यात्मिक रूप से महत्वपूर्ण है बल्कि सामाजिक और सांस्कृतिक रूप से भी हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है।
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