मां चंद्रघंटा किसका प्रतीक है? || चंद्रघंटा देवी कौन थीं?|| मां चंद्रघंटा किसका प्रतीक है?
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चंद्रघंटा माता दुर्गा माँ के नौ रूपों में से तीसरी देवी हैं, जिनकी पूजा नवरात्रि के तीसरे दिन की जाती है। उनका नाम "चंद्रघंटा" इस कारण है क्योंकि उनके माथे पर अर्धचंद्र की तरह घंटे का आकार बना होता है। उन्हें शांत और सौम्य रूप में पूजा जाता है, परन्तु वे युद्ध की देवी के रूप में भी जानी जाती हैं, जो दुष्ट शक्तियों का नाश करती हैं।
चंद्रघंटा माता का वाहन सिंह है और वे दस हाथों में विभिन्न अस्त्र-शस्त्र धारण करती हैं। उनका रंग स्वर्ण जैसा चमकीला है, जो शक्ति, साहस और समृद्धि का प्रतीक है। उनकी पूजा से भक्तों को साहस, धैर्य और शांति की प्राप्ति होती है।
ऐसी मान्यता है कि चंद्रघंटा माता की पूजा से व्यक्ति के जीवन में आने वाली बाधाएं दूर होती हैं, और भय का नाश होता है। उनकी कृपा से भक्त को मानसिक और आत्मिक शांति प्राप्त होती है।
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