4 वेद क्या सिखाते हैं? || चार वेद कोन से है ?


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सनातन धर्म(Sanatan Dharma) 
भारतीय उपमहाद्वीप का प्राचीन धर्म और जीवन-शैली है, जिसे आज के समय में "हिंदू धर्म" के नाम से भी जाना जाता है। "सनातन" का अर्थ है शाश्वत (जिसका कोई अंत न हो), और "धर्म" का अर्थ है कर्तव्य, आचरण, या जीवन जीने का सिद्धांत। इसलिए, सनातन धर्म का अर्थ है शाश्वत धर्म या अनन्त सत्य का मार्ग।

सनातन धर्म की कुछ मुख्य विशेषताएं:
1. वेद 
सनातन धर्म के चार प्रमुख वेद हैं - ऋग्वेद, यजुर्वेद, सामवेद, और अथर्ववेद। वेदों को धर्म के प्राचीनतम और सबसे पवित्र ग्रंथ माना जाता है।
2. उपनिषद: 
ये दार्शनिक ग्रंथ हैं जो वेदों के सार और ब्रह्मज्ञान की व्याख्या करते हैं।
3. धर्मग्रंथ: 
महाभारत, रामायण, पुराण, और भगवद गीता जैसे महाकाव्य और ग्रंथ भी सनातन धर्म के आधारभूत सिद्धांतों को स्पष्ट करते हैं।
4. कर्म और पुनर्जन्म:
 सनातन धर्म के अनुसार कर्म (कार्य) के आधार पर पुनर्जन्म और मोक्ष (मुक्ति) का सिद्धांत महत्वपूर्ण है।
5. मूर्ति पूजा और उपासना: 
सनातन धर्म में विभिन्न देवताओं की पूजा की जाती है, जैसे ब्रह्मा, विष्णु, महेश, देवी दुर्गा, लक्ष्मी, सरस्वती, आदि। यह एक बहुदेवतावादी धर्म है, जिसमें प्रत्येक देवता ब्रह्मांड के विभिन्न पहलुओं का प्रतिनिधित्व करते हैं।
6. चार आश्रम और चार पुरुषार्थ:
 जीवन को चार आश्रमों (ब्रह्मचर्य, गृहस्थ, वानप्रस्थ, संन्यास) में विभाजित किया गया है और चार पुरुषार्थ (धर्म, अर्थ, काम, मोक्ष) को जीवन के लक्ष्यों के रूप में माना गया है।

सनातन धर्म किसी एक संस्थापक या निश्चित समय की बजाय एक विकसित और अनवरत संस्कृति है, जो समय के साथ बदलती और बढ़ती रही है। इसका उद्देश्य व्यक्तिगत मुक्ति और विश्व के कल्याण का मार्गदर्शन करना है।







 

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