पाषाण देवी मंदिर नैनीताल || पाषाण माता मंदिर का इतिहास


पाषाण देवी मंदिर नैनीताल

नैनीताल में स्थित पाषाण देवी मंदिर एक प्राचीन और चमत्कारी स्थल है, जो नैनी झील के किनारे एक पहाड़ी पर स्थित है। इस मंदिर में मां भगवती की प्राकृतिक रूप से निर्मित मूर्ति स्थापित है, जिसे 'पाषाण देवी' कहा जाता है, क्योंकि 'पाषाण' का अर्थ पत्थर होता है। यहां देवी के नौ रूपों की पिंडियां भी विराजमान हैं, जिससे भक्त एक ही स्थान पर मां के सभी स्वरूपों के दर्शन कर सकते हैं。 

मंदिर के जल को चमत्कारी माना जाता है। मान्यता है कि इस जल के शरीर पर छिड़कने या इसके सेवन से चर्म रोग और हकलाने जैसी वाणी संबंधी समस्याएं दूर हो जाती हैं। श्रद्धालु दूर-दूर से इस पवित्र जल को लेने के लिए यहां आते हैं। 

मंदिर में मां भगवती को सिन्दूर का चोला अर्पित किया जाता है, जो इसकी विशेषता है। नवरात्रि के दौरान यहां भक्तों की भारी भीड़ उमड़ती है, जो मां के दर्शन और आशीर्वाद प्राप्त करने आती है। मंदिर तक पहुंचने के लिए नैनीताल बस स्टैंड (तल्लीताल) से लगभग 1 किलोमीटर की दूरी तय करनी होती है, जिसे पैदल या रिक्शा से पूरा किया जा सकता है。 

पाषाण देवी मंदिर न केवल धार्मिक आस्था का केंद्र है, बल्कि इसकी प्राकृतिक सुंदरता और चमत्कारी विशेषताओं के कारण यह नैनीताल आने वाले पर्यटकों के लिए भी आकर्षण का प्रमुख स्थल है।

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