उत्तराखंड मे क्यो जरुरी है भू कानून || bhu kanun kya hai
via https://youtu.be/etoqmznEonw
उत्तराखंड
में पहली बार भू कानून 9 नवंबर 2000 को राज्य की स्थापना के बाद 2002 में एक प्रावधान किया गया था कि अन्य राज्य के लोग उत्तराखंड में सिर्फ 500 वर्ग मीटर तक जमीन खरीद सकते थे लेकिन बाद में 2007 में इसे घटाकर 250 वर्ग मीटर कर दिया गया.
पहली बार साल 2003 में एन.डी तिवारी की सरकार ने 'उत्तर प्रदेश जमींदारी उन्मूलन और भूमि सुधार अधिनियम-1950' में संशोधन किया और तब उत्तराखंड को अपना एक भूमि कानून मिला था. 2003 के संशोधन में भूमि खरीद-फरोख्त पर कई बंदिशें लगाई गईं.
टिप्पणियाँ