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via https://youtu.be/MGeT5whx1qM
Kartik Swami Mandir

कार्तिक स्वामी मंदिर के पीछे की कहानी के अनुसार यह कहा जाता है की एक बार भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए सभी देवताओं में एक प्रतियोगिता हुई जिसमें यह कहा गया की जो भी देवता पूरी सृष्टि का चक्कर लगा कर भगवान शिव के पास आएगा वो देवता भगवान शिव का प्रिय होगा और उसे प्रथम पूजनीय का अधिकार प्राप्त होगा। बस क्या था सभी देवताओं में दौड़ लग गयी। सभी अपने वाहनों पर सवार हो गए कार्तिकेय अपने मोर पर इंद्र अपने हाथी पर और गणेश अपने मूसक पर ।

सभी देवता सृष्टि का चककर लगाने निकल पड़े परन्तु उन सब से विपरीत गणेश गंगा स्नान करने गए और वापस आकर अपने माता- -पिता (शिव और पार्वती) की परिक्रमा करने लग गए जब उनसे पूछा गया वो ऐसा क्यों कर रहे हैं तो उन्होंने कहा की मेरे लिए तो आप ही मेरे संसार हो सृष्टि हो। इस बात से सभी देवता बड़े प्रसन्न हुए और उन्हें प्रथम पूजनीय का आश्रीवाद प्राप्त हुआ। इधर कार्तिकेय जब संसार की परिक्रमा करके वापस लौटे तो उन्हें देवऋषि नारद से यह समाचार प्राप्त हुआ तो वे इससे आहत होकर कैलाश पहुंचकर माता पार्वती को अपने शरीर का मांस और पिता शिव को अपने शरीर की हड्डियां समर्पित कर क्रोंच पर्वत पर ध्यान में बैठ गए और निर्वाण को प्राप्त हुए। तभी से इस जगह का नाम भवन कार्तिकेय के नाम से प्रसिद्ध हुआ।

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