हरिद्वार उत्तराखंड || haridwar facts || history in haridwar uttarakhand india


via https://youtu.be/L4qYTCNJ6tU

“हरिद्वार” उत्तराखंड में स्थित भारत के सात सबसे पवित्र स्थलों में से एक है | यह बहुत प्राचीन नगरी है और उत्तरी भारत में स्थित है | हरिद्वार उत्तराखंड के चार पवित्र चारधाम यात्रा का प्रवेश द्वार भी है | यह भगवान शिव की भूमि और भगवान विष्णु की भूमि भी है। इसे सत्ता की भूमि के रूप में भी जाना जाता है | मायापुरी शहर को मायापुरी, गंगाद्वार और कपिलास्थान नाम से भी मान्यता प्राप्त है और वास्तव में इसका नाम “गेटवे ऑफ़ द गॉड्स” है । यह पवित्र शहर भारत की जटिल संस्कृति और प्राचीन सभ्यता का खजाना है | हरिद्वार शिवालिक पहाडियों के कोड में बसा हुआ है |

हरिद्वार” का शाब्दिक अर्थ

पवित्र गंगा नदी के किनारे बसे “हरिद्वार” का शाब्दिक अर्थ “हरी तक पहुचने का द्वार” है |

हरिद्वार चार प्रमुख स्थलों का प्रवेश द्वार भी है | हिन्दू धर्मं के अनुयायी का प्रसिद्ध तीर्थ स्थान है | प्रसिद्ध तीर्थ स्थान “बद्रीनारायण” तथा “केदारनाथ” धाम “भगवान विष्णु” एवम् “भगवान शिव “ के तीर्थ स्थान का रास्ता (मार्ग) हरिद्वार से ही जाता है | इसलिए इस जगह को “हरिद्वार” तथा “हरद्वार” दोनों ही नामों से संबोधित किया जाता है |




हरिद्वार का महत्व

3139 मीटर की ऊंचाई पर स्थित अपने स्रोत गोमुख (गंगोत्री हिमनद) से 243 किमी की यात्रा करके गंगा नदी हरिद्वार में मैदानी क्षेत्र में प्रथम प्रवेश करती है, इसलिए हरिद्वार को 'गंगाद्वार' के नाम से भी जाना जाता है; जिसका अर्थ है वह स्थान जहाँ पर गंगाजी मैदानों में प्रवेश करती
हरिद्वार को हमेशा से ही ऋषियों की तपस्या करने के स्थान के रूप में माना जाता रहा है | राजा धृतराष्ट्र के मंत्री विदुर ने मंत्री मुनि के स्थान पर ही अध्यन किया था |राजा स्वेत ने “हर की पौड़ी” में भगवान ब्रह्मा की घोर तपस्या की | जिससे भगवान ब्रह्मा तपस्या को देखकर खुश हुए और राजा स्वेत से वरदान मांगने को कहा | राजा ने वरदान में यह माँगा कि “हर की पौड़ी” को ईश्वर के नाम से जाना जाए | तब से “हर की पौड़ी” के पानी को “ब्रह्मकुंड” के नाम से जाना जाता है | हरिद्वार अपने आप में रोचक एवम् रहस्यभरी जगह है | इस जगह पर हर व्यक्ति का लिखा हुआ इतिहास ज्ञात हो जाता है |अपने पूर्वजो की जानकारी , वंशावली का पता करना , हो तो सिर्फ हरिद्वार ही एक मात्र ऐसा स्थान है | जो कि यह सब जानकारी प्राप्त करने में मदद कर सके | ( हरिद्वार का इतिहास )

घाट को “हर की पौड़ी” नाम से इसलिए बुलाया जाता है?


हरिद्वार में “हर की पौड़ी” नामक एक घाट है | घाट को “हर की पौड़ी” नाम से इसलिए बुलाया जाता है क्यूंकि इस जगह पर भगवान श्री हरी आये थे और इस स्थान पर उनके चरण पड़े थे | यह जगह उन लोगों के लिए आदर्श तीर्थ स्थान है, जो मृत्यु और इच्छा की मुक्ति के बारे में चिंतित हैं।

हरिद्वार के प्राचीन नाम 

धर्मग्रंथों में हरिद्वार को कपिल्स्थान, मायापुरी, गंगाद्वार जैसे विभिन्न नामों से पुकारा गया है। हरिद्वार का प्राचीन पौराणिक नाम 'माया' या 'मायापुरी' है, जिसकी सप्त मोक्षदायिनी पुरियों में गणना की जाती थी।

हरिद्वार में कहा  गुणें


हरिद्वार में वैष्णो देवी मंदिर – Vaishno Dev Temple haridwar.
मनसा देवी मंदिर, हरिद्वार – Mansa Devi Temple, Haridwar.
चंडी देवी मंदिर – Chandi Devi Temple, Haridwar.
हरिद्वार में दक्ष महादेव मंदिर – Daksha Mahadev Temple, Haridwar.


हरिद्वार घूमने में कितना खर्चा आएगा?


मै बता करू 2 दिन के हरिद्वार टूर प्लान में 2000 रूपए मिनिमम घूमने का खर्चा आएगा ।
#देवभूमिइंडिया




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