परमवीर चक्र || भारत के वीर ||परमवीर चक्र पाने वाले पहले भारतीय

लोगों के लिए होंगे valentine'sday,
हमारे लिए हमारे वीर जवान है,
देवभूमि इन 7 दिनों में परमवीर चक्र विजेताओं से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारियां दे रहा है,
जो आप सभी को पता होनी चाहिए,
पहले हम जानेंगे परमवीर चक्र किसे और क्यों दिया जाता है,

स्थापना 26 जनवरी 1950
प्रथम प्रदत्त 3 नवंबर 1947

परमवीर चक्र


परमवीर चक्र क्या है ?

परमवीर चक्र भारत का सर्वोच्च शौर्य सैन्य अलंकरण है जो दुश्मनों की उपस्थिति में उच्च कोटि की शूरवीरता एवं त्याग के लिए प्रदान किया जाता है। ज्यादातर स्थितियों में यह सम्मान मरणोपरांत दिया गया है। इस पुरस्कार की स्थापना 26 जनवरी 1950 को की गयी थी जब भारत गणराज्य घोषित हुआ था। भारतीय सेना के किसी भी अंग के अधिकारी या कर्मचारी इस पुरस्कार के पात्र होते हैं एवं इसे देश के सर्वोच्च सम्मान भारत रत्न के बाद सबसे प्रतिष्ठित पुरस्कार समझा जाता है। इससे पहले जब भारतीय सेना ब्रिटिश सेना के तहत कार्य करती थी तो सेना का सर्वोच्च सम्मान विक्टोरिया क्रास हुआ करता था।


परमवीर चक्र के तीन जीवित विजेता:

परमवीर चक्र हासिल करने वाले शूरवीरों में सूबेदार मेजर बन्ना सिंह (बाना सिंह) ही एकमात्र ऐसे व्यक्ति थे जो कारगिल युद्ध तक जीवित थे। सूबेदार मेजर बाना सिंह जम्मू कश्मीर लाइट इनफेन्ट्री की आठवीं रेजीमेंट में कार्यरत थे।
मेजर सोमनाथ शर्मा


परमवीर चक्र पहले भारतीय

मेजर सोमनाथ शर्मा- 1947

31 जनवरी 1923 को जम्मू में जन्मे मेजर सोमनाथ शर्मा ने 22 फरवरी 1942 को भारतीय सेना में चौथी कुमायूं रेजीमेंट में बतौर कमीशंड अधिकारी प्रवेश लिया। मरणोपरांत परमवीर चक्र से सम्मानित मेजर सोमनाथ शर्मा का फौजी कार्यकाल शुरू ही द्वितीय विश्वयुद्ध के दौरान हुआ, जब उन्हें मलाया के पास के रण में भेजा गया। 3 नवंबर 1947 मेजर सोमनाथ शर्मा की टुकड़ी को कश्मीर घाटी के बडगाम मोर्चे पर जाने का आदेश दिया गया। जब दुश्मन के 500 सैनिकों ने तीन तरफ से भारतीय सेना को घेरकर हमला शुरू कर दिया, तब मेजर शर्मा ने दुश्मन बहादुरी से मुकाबला किया।
मेजर की सेना के कई सैनिक वीरगति को प्राप्त हो चुके थे और काफी कम संख्‍या में सैनिक बचे थे। मेजर सोमनाथ का बायां हाथ भी चोटिल था, लेकिन उन्होंने हार नहीं माने। वे मैग्जीन में गोलियां भरकर सैनिकों को देते गए, लेकिन दुर्भाग्य से वे दुश्मन के एक मोर्टार का निशाना बन गए और वीरगति को प्राप्त हुए। अंतिम समय में भी वे अपने सैनिकों का सामना करने के लिए हौसला बढ़ाते रहे। मेजर सोमनाथ परमवीर चक्र प्राप्त करने वाले पहले भारतीय थे।

कल की पोस्ट में हम एक ओर वीर  सेनीक से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारियां आपको देंगे भारत और उत्तराखंड से जुडी हुई महत्वपूर्ण जानकारी हेतु फोलो करें धन्यवाद 
जय हिन्द


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