जिया रानी का इतिहास || जिया रानी की कहानी || History of Jiya Rani || कुम...


जिया रानी

जिया रानी का वास्तविक नाम मौला देवी था, जो हरिद्वार (मायापुर) के राजा अमरदेव पुंडीर की पुत्री थी। सन 1192 में देश में तुर्कों का शासन स्थापित हो गया था, मगर उसके बाद भी किसी तरह दो शताब्दी तक हरिद्वार में पुंडीर राज्य बना रहा। मौला देवी, राजा प्रीतमपाल की दूसरी रानी थी। मौला रानी से 3 पुत्र धामदेव, दुला, ब्रह्मदेव हुए, जिनमें ब्रह्मदेव को कुछ लोग प्रीतम देव की पहली पत्नी से जन्मा मानते हैं। मौला देवी को राजमाता का दर्जा मिला और उस क्षेत्र में माता को ‘जिया’ कहा जाता था इस लिए उनका नाम जिया रानी पड़ गया।

जिया रानी के मेला

उत्तराखंड में मनाए जाने वाला मकर संक्रांति का मेला रानीबाग (जिया रानी) हल्द्वानी में आयोजित किया जाता है। उसकी क्या क्या विशेषता है और कौन-कौन से आप मंदिर यहां पर मिलेंगे। आपको देखने को उसकी जानकारी में आज की वीडियो में आप लोगों को दे रहा हूं। यहां पर शनिदेव का मंदिर है। भगवान शिव को समर्पित मंदिर जिया रानी की गुफाएं और साथ में शीतला देवी नाम से एक घागरा प्रसिद्ध है , तो आईये जानते हैं
इस मेले को जिया रानी के मेले के नाम से भी जाना जाता है।

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