kurm parwat uttarakhand || kurma avatar story in hindi ||कुमाऊं शब्द का जन्म

उत्तराखंड 🇮🇳🇮🇳 की सभ्यता ,संस्कृति 🙏 से आपको जोड़ने की कोशिश 🙏🙏 उत्तराखंड की सभ्यता और संस्कृति से जोड़ी जानकारी कै लिए पेज को फोलो करें , जय देवभूमि जय उत्तराखंड जय हिन्द 
कूर्म अवतार को 'कच्छप अवतार' (कछुआ के रूप में अवतार) भी कहते हैं। कूर्म के अवतार में भगवान विष्णु ने क्षीरसागर के समुद्रमंथन के समय मंदार पर्वत को अपने कवच पर संभाला था। ... लिंगपुराण (९४) के अनुसार पृथ्वी रसातल को जा रही थी, तब विष्णु ने कच्छपरूप में अवतार लिया। उक्त कच्छप की पीठ का घेरा एक लाख योजन था।

देवभूमि उत्तराखंड

कुमाऊं शब्द का जन्म चंपावत में ही हुआ है। इस बात को अधिकांश इतिहासकारों के साथ ही स्कंद पुराण के केदार और मानस खंड में भी माना गया है। कुमाऊं संस्कृत के कूर्म शब्द का अपभ्रंश है।
यह भी मान्यता है कि राम-रावण संग्राम के दौरान कुंभकर्ण का सिर कट कर चंपावत क्षेत्र में जा गिरा था जिसके चलते इस क्षेत्र को कुंभू और बाद में कूमूं कहा गया। वर्ष 1560 तक चंद शासकों की राजधानी चंपावत से अल्मोड़ा स्थानांतरित होने से पूर्व तक चंपावत और आसपास के इलाकों को ही कूमूं कहा जाता था।
Devbhoomi_pankaj


बाद में चंद शासकों के राज्य विस्तार के साथ कूर्मांचल को वर्तमान कुमाऊं कमिश्नरी के नाम से जाना जाने लगा मगर इलाके की आम बोलचाल में कूमूं और कुमईयां का अर्थ आज भी चंपावत और चंपावत के वाशिंदों से ही माना जाता है। 

वायु पुराण में चंपावतपुरी नाम से मिलता है उल्लेख 
जोशीमठ के गुरू पादुका नामक ग्रंथ के अनुसार नागों की बहन चंपावती ने चंपावत नगर की बालेश्वर मंदिर के पास प्रतिष्ठा की थी। वायु पुराण

में चंपावतपुरी नाम के स्थान का उल्लेख मिलता है, जो नागवंशीय नौ राजाओं की राजधानी थी। चंपावत का संबंध द्वापर युग में महाभारत काल से भी माना जाता है।

मान्यता है कि 14 वर्षों के निर्वासन काल के दौरान पांडव यहां आए थे। चंपावत को द्वापर युग में हिडिंबा राक्षसी से पैदा हुए महाबली भीम के पुत्र घटोत्कच का निवास स्थान भी माना जाता है। चंपावत और इसके आसपास बहुत से मंदिरों का निर्माण महाभारत काल में ही हुआ माना जाता है।


ऐसी मान्यता है कि भगवान विष्णु का कूर्म अवतार कूर्म पर्वत के शिखर पर हुआ था। जहां वर्तमान में बहुत ही सुंदर भव्य मंदिर बना हुआ है। माना जाता है कि भगवान विष्णु के पदचिन्ह आज भी यहां मौजूद हैं, जिनकी पूजा की जाती है।  





#उत्तराखंड का इतिहास , #devbhoomiuttarakhand देवभूमि उत्तराखंड यूट्यूब चैनल https://youtube.com/c/devbhoomiuttrakhand पोस्ट लेखकों के नाम PANKAJ TEWARI Gaurav Bisht Neeraj Bisht Pooja Neha and Devbhoomi uttarakhand group Following devbhoomi uttarakhand Facebook https://www.facebook.com/Pankajtewari080/ Instagram https://www.instagram.com/devbhoomi080uttrakhand/

टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

निरंकार देवता उत्तराखंड || Nirankar Devta Story In Hindi || nirankar devta jager

बागनाथ मंदिर (बागेश्वर) || bageshwar uttarakhand india || About bageshwar