रक्षाबंधन || importance of raksha bandhan || RAKHI || भाई बहन का प्यार ...



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राखी का त्योहार श्रावण मास की पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है। इस दिन बहनें अपने भाइयों की कलाई में राखी बातें हुए लंबी उम्र की कामना करते हैं भाई अपनी बहन के पवित्र और कुछ रिश्ते को दर्शाता है भाई अपनी बहन को वचन देता है कि हर दुख सुख में वह अपनी बहन के साथ रहेगा और उसकी रक्षा करेगा !

आइए जानते हैं राखी के बारे में कुछ पौराणिक कथाएं।

जब राजा बने अश्वमेध याग कर रहे थे उस समय भगवान विष्णु राजा बलि को चलने के लिए वामन अवतार लिया और राजा बलि से तीन पग धरती दान में माहिर आजा बबली ने सोचा कि यह प्रवृत्ति पर मैं कितनी धरती नाम लेगा। उन्होंने हां कर दी लेकिन देखते ही देखते वामन रूप धारण किए। विष्णु जी का आकार बढ़ता गया और तीन पग में उन्होंने सब कुछ नाम लिया। भगवान विष्णु ने राजा बलि को रहने के लिए पाताल लोक दिया।
कहा जाता है कि राजा बलि ने पाताल लोक में रहना स्वीकार कर लिया, परंतु दानवीर परी ने कहा कि मुझे आपसे एक वचन चाहिए। मैं जो भी मांगो आपको देना होगा। भगवान विष्णु ने तीन बार कहा कि दूंगा दूंगा दूंगा तभी राजा बलि ने विष्णु जी की इस अवसर पर ही एक जब भी देखूं तो सिर्फ आपको ही देखो जी समय देखो केवल आपको ही देखो सोते जागते हर क्षण आपको ही देखो आपने वचन के अनुसार भगवान ने तथा कुछ कह दिया और पाताल लोक में रहने लगे

आइए जानते हैं राखी के बारे में लक्ष्मी जी को  विष्णु जी की चिंता।

बैकुंठ में लक्ष्मी जी को अपने स्वामी की चिंता होने लगी। उसी समय ब्राह्मण करते हुए नाराज जीत बैकुंठ पहुंचे। लक्ष्मी जी ने पूछा कि हे दे सच्ची आप तो तीनों लोगों में भ्रमण करते हैं। क्या आपने ना रात को नहीं देखा है। लक्ष्मी जी के इस प्रश्न पर दे सकती ने सारी बात उन्हें बता दी और बताया कि नारायण पाताल लोक में राजा बलि के साथ उनके पहरेदार बन कर रह रहेइसके बाद लक्ष्मी जी ने नारदजी से पूछा की नारायण को वापस लाने का क्या उपाय है? इस समस्या का हल बताते हुए देश व्यक्ति ने कहा कि आप राजा बलि को अपना भाई बना लीजिए और उससे रक्षा का वचन ले लेना। फिर बच्चा करने के बाद दक्षिणा में नारायण को मांग लेना तत्पश्चात आ माता लक्ष्मी स्त्री का वेश धारण किया और रोते हुए पाताल लोक पहुंच गई। इस पर राजा बलि ने उनसे रोने का कारण पूछा। उनके पूछने पर लक्ष्मी जी ने कहा कि मेरा कोई भाई नहीं। इसलिए मैं अत्यंत दुखी हूं। तब बलि ने कहा कि तुम मेरी घर में बहन बन जाओ। इसके बाद लक्ष्मी की बलि से तीन बच्चा करवा और दक्षिण स्वरूप राजा बलि से उनके पहरेदार मांगलिया कहते हैं कि तभी से रक्षाबंधन का त्यौहार मनाया जाने लगा।

उम्मीद करता हूं आप लोगों को रक्षाबंधन के महत्व के बारे में जानने को जरुर मीला होगा,
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जय देवभूमि जय उत्तराखंड
BY
PANKAJ TEWARI

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