कोटगाड़ी की माता ||Kotgadhi mandir pithoragdh uttarakhand
उत्तराखंड का इतिहास उत्तराखंड में परमोटे।
यूट्यूब वीडियो लिंक
https://youtu.be/O0gmKbxPdYc
यूट्यूब वीडियो लिंक
https://youtu.be/05RNUFzYxdk ese
पिथौरागढ़। पांखू (बेड़ीनाग) में स्थित मां कोकिला के मंदिर को न्याय के मंदिर के रूप में जाना जाता है। लोग आपसी विवाद, लड़ाई-झगड़े के मामलों में कोर्ट में जाने के बजाय मां मां के दरबार में ले जाना पसंद करते हैं। मंदिर में टेक्सचर छपाई में न्याय की धार लगी हुई है। मंदिर में टंगी संख्या वाली अर्जियां इस बात की गवाही देती हैं। जंगल की रक्षा के लिए लोग पांच, 10 साल के लिए जंगल मां कोकिला को चढ़ाते हैं। बेहद रमणीक स्थान पर स्थित मां कोकिला के दरबार के चाहने वाले देश, दुनिया में बहुत हैं। उत्तराखंड की पावन धरती में भगवान शंकर सहित 33 कोटि दुनिया के दर्शन होते हैं।देवत्व के लिए प्रसिद्ध इस देवभूमि उत्तराखंड के कोटगाड़ी ग्राम में कोकिला देवी नाम की एक ऐसी देवी हैं, जिनके दरबार में कोर्ट सहित हर दर से मायूस हो चुके लोग आकर न्याय की गुहार लगाते हैं। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार जो फैसला कोर्ट में भी नहीं हो पाता, वह माता के
स्थान से भी सच्चे मन से स्मरण किया जाता है, वहीं से निराशा के बादल हटने शुरू हो जाते हैं। मान्यता है कि संकल्प पूर्ण होने के बाद देवी माता कोटगाड़ी के दर्शन की महत्वता अनिवार्य है। इस मंदिर में फरियादों के असंख्य पत्र न्याय की
गौर के लिए लगे रहें। दूर-दराज से श्रद्धालु डाक द्वारा भी मंदिर के नाम पर पत्र भेज कर मनौतियां मांगते हैं। मनौती पूर्ण होने पर भी माता को पत्र लिखते हैं और समय व मैया के आदेश पर माता के दर्शन के लिए पधारते हैं।
हवाई जहाज-संपर्क हवाई अड्डा पंतनगर हवाई अड्डा है,
यूट्यूब वीडियो लिंक
https://youtu.be/O0gmKbxPdYc
यूट्यूब वीडियो लिंक
https://youtu.be/05RNUFzYxdk ese
![]() |
देवभूमि उत्तराखंड |
मां की घबराहट, मंदिर का इतिहास !
पिथौरागढ़। पांखू (बेड़ीनाग) में स्थित मां कोकिला के मंदिर को न्याय के मंदिर के रूप में जाना जाता है। लोग आपसी विवाद, लड़ाई-झगड़े के मामलों में कोर्ट में जाने के बजाय मां मां के दरबार में ले जाना पसंद करते हैं। मंदिर में टेक्सचर छपाई में न्याय की धार लगी हुई है। मंदिर में टंगी संख्या वाली अर्जियां इस बात की गवाही देती हैं। जंगल की रक्षा के लिए लोग पांच, 10 साल के लिए जंगल मां कोकिला को चढ़ाते हैं। बेहद रमणीक स्थान पर स्थित मां कोकिला के दरबार के चाहने वाले देश, दुनिया में बहुत हैं। उत्तराखंड की पावन धरती में भगवान शंकर सहित 33 कोटि दुनिया के दर्शन होते हैं।देवत्व के लिए प्रसिद्ध इस देवभूमि उत्तराखंड के कोटगाड़ी ग्राम में कोकिला देवी नाम की एक ऐसी देवी हैं, जिनके दरबार में कोर्ट सहित हर दर से मायूस हो चुके लोग आकर न्याय की गुहार लगाते हैं। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार जो फैसला कोर्ट में भी नहीं हो पाता, वह माता के

Devbhoomi Uttarakhand

- जगदगुरु शंकराचार्य ने स्वयं को इसी भूमि पर ही पधारकर धन्य मानते हुए कहा कि इस ब्रह्मांड में उत्तराखंड के तीर्थों जैसी अलौकिकता और दिव्यता कहीं नहीं है। इस क्षेत्र मेंशक्तिपीठों की भरमार है। सभी पावन दिव्य स्थलों में से तत्कालिक फल की सिद्धि देने वाली माता कोकिला देवी मंदिर का अपना दिव्य
- जगदगुरु शंकराचार्य ने स्वयं को इसी भूमि पर ही पधारकर धन्य मानते हुए कहा कि इस ब्रह्मांड में उत्तराखंड के तीर्थों जैसी अलौकिकता और दिव्यता कहीं नहीं है। इस क्षेत्र मेंशक्तिपीठों की भरमार है। सभी पावन दिव्य स्थलों में से तत्कालिक फल की सिद्धि देने वाली माता कोकिला देवी मंदिर का अपना दिव्य
किवदंतियों के अनुसार, जब उत्तराखंड के सभी देवता विधि के विधान के अनुसार खुद को न्याय देने और फल प्रदान करने में अक्षम व असमर्थ मानते हैं और उनकी अधिकार परिधि शिव तत्व में विलीन हो जाती है। तब अनंत निर्मल भाव से परम ब्रह्मांड में स्तुति होती है कोटगाड़ी देवी की। संसार में भटका मानव जब चौतरफा निराशाओं से घिर जाता है और हर ओर से अन्याय का शिकार हो जाता है, तो संकल्प पूर्वक कोटगाड़ी की देवी का जिस
![]() |
Devbhoomi Uttarakhand |
![]() |
Jai devbhoomi jai uttarakhand |
मंदिर तक पहुँचने का रास्ता↧
हवाई जहाज-संपर्क हवाई अड्डा पंतनगर हवाई अड्डा है,
यहाँ से कोकिला मंदिर पांखु (पिथौरागढ़) की दूरी लगभग 245 किलोमीटर है यहाँ से आप टैक्सी या कार से आसानी से जा सकते हैं|
ट्रेन-लिंक रेलवे स्टेशन काठगोदाम रेलवे स्टेशन हैं यहां से कोकिला मंदिर पांखु (पिथौरागढ़) की दूरी लगभग 210 किलोमीटर है यहां से आप टैक्सी या कार से आसानी से जा सकते हैं|
![]() |
बेजनाथ मंदिर बागेश्वर भारत |
टिप्पणियाँ