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उत्तराखंड की सभ्यता और संस्कृति || Uttarakhand civilization and culturebin Hindi ||

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तिमुल उत्तराखंड की संस्कृति और उत्तराखंड की सभ्यता। उत्तराखंड की संस्कृति के मौसम और जलवायु के अनुरूप है या उत्तराखंड एक पहाड़ी इलाका है और इसलिए यहां ठंड बहुत होती है। इसलिए ठंडी जलवायु के आस-पास ही उत्तराखंड की संस्कृति के सभी पहलुओं जैसे रहन-सहन, वेशभूषा, लोककला इत्यादि घूमते हैं। 1 रहन-सहन   2 त्योहार,     3खान-पान,   4 वेशभूषा लोक कलाएं। 5 लोक नृत्य,  6 भाषाएं इत्यादि उत्तराखंड के सभ्यता संस्कृति 1 उत्तराखंड के रहन-सहन रहन-सहन   के मकान पक्के होते हैं। दीवारों पत्रों की होती है। पुराने घरों के ऊपर से पत्थर बिछाए जाते हैं। वर्तमान में लोकतंत्र का उपयोग करने लगते हैं। अधिकतर घरों में रात को रोटी तथा दिन में भात खाने के प्रचलन है। लगभग हर महीने कोई ना कोई त्योहार मनाया जातास्थानीय स्तर पर गाए जाने वाली देहात राजभर आदि दालों का प्रयोग होता है। प्राचीन समय में मधु आवाज मंगल स्थानी मोटा अनाज होता था। अब इनका उत्पादन बहुत कम हो गया। अब लोग बाजार से गेहूं चावल खरीदना है। फिर से के साथ पशुपालन लगभग सभी घरों में ह...

chandi devi temple Haridwar #shortvideo #youtubeshorts #religion ##uktemple #ukshorts #haridwar

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via https://www.youtube.com/watch?v=XPaQWUIOlzU

हाट कालिका मंदिर #shortvideo #youtubeshorts ##उत्तराखंड #mata #uktemple #ukshorts #religion

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gangotri dham opening 2025 #shortvideo #uttrakandi #religion #youtubeshorts

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बजरंग बली हनुमान #shortvideo #youtubeshorts #religion #हनुमान #ukshorts #uttrakandi #music

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महान हिमालय || उत्तराखंड क्यो खास है

महान हिमालय राज्य का एक बड़ा हिस्सा ऊंची बर्फ से ढकी पर्वत श्रृंखलाओं से बना है। इनमें सबसे ऊंची पर्वत श्रृंखला नंदा देवी (7816 मीटर चमोली) है। इसके अलावा कामेट (7,756 मीटर), चौखम्बा (7,138 मीटर), त्रिशूल (7,120 मीटर (6,861 मीटर) भागीरथी (6,856 मीटर) बंदरपूंछ (6,315 मीटर), (6.672 मीटर) उत्तरकाशी में तथा पिथौरागढ़ जिले में पंचाचूली (6,904 मीटर) जिले में पर्वत चोटियां हैं। इस प्रकार राज्य में स्थित महान हिमालय की औसत ऊंचाई 6000 मीटर है। इस भाग में ग्लेशियर हैं। जिनसे अनेक नदियां निकलती हैं, इन सदानीरा धाराओं ने न केवल उत्तरांचल की भूमि को समृद्ध किया है बल्कि सदियों से आज तक भारत की प्यास बुझाई है, और भविष्य में भी बुझाती रहेंगी। इस क्षेत्र के ग्लेशियर हैं पिथौरागढ़ जिले में मिलम, नामिक, पोटिंग, बागेश्वर जिले में पिंडारी, सुंदरद्वार कफनी, मैकतोली आदि तथा उत्तरकाशी जिले में गंगोत्री। जिले में खतलिंग, रुद्रप्रयाग में चोरबारी बामक, चमोली में दूनागिरी, शतपथ। इस क्षेत्र में कई दर्रे हैं, जिन्होंने प्राचीन काल में भारत-तिब्बत व्यापार में महत्वपूर्ण योगदान दिया था। इनमें लिपुलेख, उंटाघुरा, ...

नाग देवता के नाम क्या हैं? || Nag devta uttarakhand |नागराज देवता कौन है?

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भैरव देवता मंदिर केदारनाथ #shortvideo #youtubeshorts #भैरवदेवता #religion ##uktemple ##ukshorts

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