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देहरादून || Dehradun City || history of dehradun || Uttarakhand city Dehradun || dehradun tourism

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via https://youtu.be/SvYP2OxJIJY Devbhoomiindia Dehradun रावण और भगवान राम के बीच लड़ाई के बाद भगवान राम और उनके भाई लक्ष्मण ने इस स्थान पर तपस्या की थी। वही महाभारत में भी इसका जिक्र है। कहा जाता है कि कौरव और पांडवों के गुरु जिस नगरी में जन्म दिए थे उसे द्रोण नगरी के रूप में जाना जाता है और यह देहरादून ही है देहरादून के आसपास कई प्राचीन मंदिरों और मूर्तियों के प्रमाण है जो महाभारत और रामायण के कथाओं से जुड़े हुए हैं। यहां के खंडहर 2000 साल से भी अधिक पुराने बताए जाते हैं। स्थानीय परंपराओं और साहित्य में महाभारत और रामायण की घटनाओं का जिक्र आता है। कहा जाता है कि देहरादून शहर की स्थापना 18वीं शताब्दी के दौरान एक सिख गुरु ने की थी। उनका नाम गुरु राम राय था। सिख धर्म के अनुयायियों का आगमन 1672 में हुआ था। तब देहरादून को पृथ्वीपुर के नाम से जाना जाता था और वह यहां पर 24 वर्ष तक रहे। तब उनके साथ में गुरु राम राय के बड़े बेटे का यहां पर आगमन हुआ और उसके बाद ही यह अस्तित्व में आया। गुरु राम राय के सम्मान में प्रतिवर्ष धामवाला गांव में भव्य मेले का आयोजन आज भी किया जाता है। देहरादून के

चार धाम यात्रा उत्तराखंड || History of char dham Yatra

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via https://youtu.be/xuYYzqX8We0

Devbhoomi world earth day || world earth day kab manaya jata hai || world Earth day 2022

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via https://youtu.be/Kfnm557-WWc

खतडुआ पर्व उत्तराखंड || Uttarakhand khatarua festival || khatadua festivals of Uttarakhand ||

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via https://youtu.be/BsL1tSSrceE

उत्तराखंड लोक पर्व बिखोती || Bikhoti festivals in Hindi || bikhoti mela Uttarakhand

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via https://youtu.be/8JqPX1XQcKo उत्तराखंड की संस्कृति और इतिहास   प्रत्येक साल बैसाख माह के पहली तिथि को भगवान सूर्यदेव अपनी श्रेष्ठ राशी मेष राशी में विचरण करते हैं।इस स्थिति या संक्रांति को विषुवत संक्रांति या विशुवती त्योहार या उत्तराखंड की लोक भाषा कुमाऊनी में बिखोती त्योहार कहते हैं। विषुवत संक्रांति को विष का निदान करने वाली संक्रांति भी कहा जाता है। कहा जाता है, इस दिन दान स्नान से खतरनाक से खतरनाक विष का निदान हो जाता है। विषुवत संक्रांति के दिन गंगा स्नान का महत्व बताया गया है। बिखौती का मतलब भी कुमाउनी में विष का निदान होता है। बिखौती त्यौहार को कुमाऊ के कुछ क्षेत्रों में बुढ़ त्यार भी कहा जाता है। बुढ़ त्यार का मतलब होता है, बूढ़ा त्यौहार बिखौती त्यौहार को बुढ़ त्यार ( बूढ़ा त्यौहार ) क्यों कहते है  गांव के बड़े बूढे लोग बताते हैं ,कि विषुवत संक्रांति के दिन बिखौती त्यौहार के बाद लगभग 3 माह के अंतराल बाद कोई त्योहार आता है। मतलब सूर्य भगवान के उत्तरायण स्थिति में यह अंतिम त्यौहार होता है। इसके 3 माह बाद पहाड़ में हरेला त्योहार आता है। हरेला त्योहार सूर्य भगवान कि दक्षिणायन

women power || पहाड़ी women का जीवन

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via https://youtu.be/kFOvguyzXPE

navratri song 2022 || नवरात्रि कुमाऊनी गीत || Jai mata Durga bhawani

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via https://youtu.be/x4D42Pv2e1w