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UTTARAKHAND TEMPLE,INIDA TEMPLE,SIV TEMPLE

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उत्तराखंड 🇮🇳🇮🇳की सभ्यता संस्कृति🙏 #pankajuttarakhand🙏🙏 Follow devbhoomi uttarakhand group DEVBHOOMI UTTARAKHAND TEMPLE PLAYLIST कोटगढ़ की देवी मैया VIDEO GADHNATH TEMPLE UTTARAKHAND gadhnath mandir Almora VIDEO kotb haramri  garur bageshwar   VIDEO :   1   KOT BHRAMRI TEMPAL        2     BAGNATH TEMPLE VIDEO BGNATH TEMPLE PIC BY #PANKAJ_UTTARAKHAND #UTTARAKHANDPANKAJ

बागनाथ मंदिर बागेश्वर || उत्तराखंड || BAGNATH MANDIR BAGESHWAR || बागनाथ ||STORY OF BAGNATH MANDIR |

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via https://youtu.be/spAMgT0hpeU

जागर |Jaagar In Uttarakhand | Jagar | Uttarakhand | kumauni jagar |

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उत्तराखंड 🇮🇳🇮🇳की सभ्यता संस्कृति🙏 #pankajuttarakhand🙏🙏 Follow devbhoomi uttarakhand  1  BHERV DEVTA 2  GANGNATH DEVTA 3  GOLU DEVTA  4 LATU DEVTA JAGER (लाटु देवता) 5 KALWA DEVTA (कलवा देवता) 6 ऐडी देवता (Aadhi DEVTA ) 7 up coming..........

ऐतिहासिक शीतला माता मन्दिर ,हल्द्वानी नैनीताल || शीतला देवी || SHEETALA DEVI TEMPLE HALDWANI NANITAL

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via https://youtu.be/ihRBNu1nJEo

उत्तराखंड का प्रसिद्ध त्यौहार हरेला || harela festival uttarakhand in Hindi || हरेले का त्यौहार ||

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via https://youtu.be/EuMXZJqB6Sg उत्तराखंड का लोकार्पव हरेला हरेला शब्द का तात्पर्य हरियाली से यह पर्व वर्ष में तीन बार आता है। पहला चैत मास, दूसरा स्वर्ण भाग तीसरा व आखिरी पर्व हरेला आश्विन मास में मनाया जाता क्या है?? हरेली का मतलब? हरेला शब्द की उत्पत्ति, हरियाली जीवन और खुशियों का प्रतीत होती है।  उत्तराखंड के लोग के लिए हरेला बहुत ही खास त्यौहार होता है हरेला का त्योहार से 9 दिन पहले लोग अपने घर के मंदिर में या फिर गांव के मंदिर में सात प्रकार के अनाज बोया जाता है,  इससे लिए एक विशेष प्रक्रिया अपनाई जाती है। पहले टोकरी में एक परात मिट्टी की बिछाई जाती है। फिर इसमें बीज डाले जाते हैं। इसके बाद फिर मिट्टी डाली जाती है। फिर से बीज डाले जाते हैं। 9 दिन तक उसमें जल डालते  हैं। बीज अंकुरित हो जाने अब बढ़ने लगते हैं। हर दिन हरेले में पानी डाला जाता है  9 इसकी गोडांइ व 10 वें दीन घर के बड़े बुजुर्ग या पंडित करते हैं। पूजा, नवेद ,आरती, आदि का विधान भी होता है,कई तरह के पकवान बनते हैं। उत्तराखंड में हरेला उत्तराखंड में मनाया जाने वाला लोक पर्व त्योहार हरेला हर साल

कोट भ्रामरी मंदिर || HISTORY of KOT BHRAMARI TEMPLE || KOT MANDIR DANGOLI BAGESHWAR ||मां नन्दा देवी

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via https://youtu.be/QsfGA35G4Kk र्कोर्ट की माई उत्तराखंड के कुमाऊं मंडल के बागेश्वर जनपद के प्रसिद्ध बैजनाथ मंदिर समूह के लगभग 3 किलोमीटर की दूरी पर एक ऊंची पहाड़ी पर अवस्थित कोर्ट की मां ब्राह्मणी देवी का नाम से जाना जाने वाला यह मंदिर  इस लिए महत्वपूर्ण है कि यहां पर कवियों के कुलदेवी ब्राह्मणी और चंदू की कुलदेवी नंदा की सामूहिक अर्चना की जाती है। ब्राह्मणी देवी का विवरण दुर्गा सप्तशती के ग्यारहवें अध्याय में प्राप्त होता है। नंदा के संबंध में यह जनहित प्रचलित है कि जब तक।शासक नंदा की शीला को गढ़वा से अल्मोड़ा के लिए ले जा रहे थे तो रात्रि विश्राम हेतु इसके निकट स्थान झाली माझी गांव में रुके थे। अपने अगले दिन प्रातः काल किसे ले जाने के लिए सब सेवकों ने इसे उठाना चाहा तो शीला को उठाना तो क्या वह उनसे 1 इंच भी नहीं मिल सकी। वह सब हताश होकर बैठ गए। जब ब्राह्मणों ने राजा को सलाह दी तो देवी का मन यहां रम गया। वहां यही रहना चाहती है तथा इसकी यहीं पर स्थापना कर दे। सदा अनुसार झाली माझी। गांव में ही एक देवालय का निर्माण करवाया कर वहीं पर।         स्थापना कर देता था। अनुसार झाली माझी

रोपाई एक पर्व || उत्तराखंड में रोपाई केसे होती है || हुड़कीबोल उत्तराखंड || ROPAI IN UTTARAKHAND ||

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via https://youtu.be/6cR3yRsoSYc