उत्तराखंड 🇮🇳🇮🇳की सभ्यता संस्कृति🙏 #pankajdevbhoomi🙏🙏 नमस्कार दोस्तों आज किस पोस्ट में हम जानेंगे। उत्तराखंड के प्रसिद्ध जागर पूजा उत्तराखंड में आयोजित की जाती है। वह किस रूप में लगती है, किस तरह से उसकी पूजा पद्धति है। इसके बारे में आप लोगों को आज की पोस्ट में जानकारी मिलेगी। सबसे पहले दोस्तों में जानते हैं कि जागर क्या हो ? उत्तराखंड में जाकर पद्धति के बारे में बात करें तो उसके बारे में आप लोगों को यह बता दु कि जागर दो प्रकार की होती है। एक भीतेरी जागर और बाहरी जागर , जिसमें दिव्य शक्ति का समावेश किसी व्यक्ति पर मंत्रों द्वारा होना जागर का कहलाती है, उत्तराखंड के कुल देवताओं की जागर की पूजा की जाती है। लोग अपनी मनोकामना पूर्ण होने पर या फिर किसी और कामना के लिए जागर पूजा करते हैं, दिनों तक लगती है जागर जागर एक या 2 दिन ,या फिर 22 दिनों तक लगती है जिसे बायसी जागर कहा साथ ही जाकर के महत्वपूर्ण अंग हैं जगरिया ड़गरीया, चुनी,गो मुत, गंगा जल,हुडुका, थाली आदि, उत्तराखंड के ग्रामीण क्षेत्रों से यह परंपरा उत्तराखंड के मैदानी क्षेत्रों की ओर बढ़ रही है क्योंकि लोग धीरे...