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नवंबर, 2021 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

Archaeological means of history of Uttarakhand || Uttarakhand history and culture

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via https://youtu.be/BzlbFup8WIk

उत्तराखंड का इतिहास और संस्कृति || उत्तराखंड का इतिहास और संस्कृति को जानने के साधन

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via https://youtu.be/r3Svo9ulEZc उत्तराखंड की संस्कृति और इतिहास से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारियां  उत्तराखंड के इतिहास को जानने के साहित्यिक साधन दो प्रकार के हैं धार्मिक ग्रंथ और अधार्मिक ग्रंथ धार्मिक ग्रंथ  हिंदू धर्म, बौद्ध धर्म और जैन धर्म के धार्मिक ग्रंथों में उत्तराखंड के अलग-अलग स्थानों का विवरण मिलता है अधार्मिक  लोककथाएं,जागर और कई विद्वानों द्वारा लिखी गई प्रमुख पुस्तकें हैं जिनके द्वारा उत्तराखंड के अलग-अलग स्थानों का उल्लेख कई लेखकों ने अपनी अपनी किताबों में भी किया तथा कालिदास ने भी उत्तराखंड का उल्लेख अपनी कई पुस्तकों में किया हुआ है  @Pankajtewari #pankajtewari

Patal Bhuvaneswar temple Uttarakhand || पाताल भुवनेश्वर

उत्तराखंड 🇮🇳🇮🇳 की सभ्यता ,संस्कृति 🙏 से आपको जोड़ने की कोशिश 🙏🙏 उत्तराखंड की सभ्यता और संस्कृति से जोड़ी जानकारी कै लिए पेज को फोलो करें , जय देवभूमि जय उत्तराखंड जय हिन्द #उत्तराखंड का इतिहास ,  पाताल भुवनेश्वर !!🔱 🚩🙏 पाताल भुवनेश्वर चूना पत्थर की एक प्राकृतिक गुफा है, जो उत्तराखण्ड के पिथौरागढ़ जिले में गंगोलीहाट नगर से १४ किमी दूरी पर स्थित है। इस गुफा में धार्मिक तथा ऐतिहासिक दृष्टि से महत्वपूर्ण कई प्राकृतिक कलाकृतियां स्थित हैं। यह गुफा भूमि से ९० फ़ीट नीचे है, तथा लगभग १६० वर्ग मीटर क्षेत्र में विस्तृत है। इस गुफा की खोज राजा ऋतुपर्णा ने की थी, जो सूर्य वंश के राजा थे और त्रेता युग में अयोध्या पर शासन करते थे।स्कंदपुराण में वर्णन है कि स्वयं महादेव शिव पाताल भुवनेश्वर में विराजमान रहते हैं और अन्य देवी देवता उनकी स्तुति करने यहां आते हैं। यह भी वर्णन है कि राजा ऋतुपर्ण जब एक जंगली हिरण का पीछा करते हुए इस गुफा में प्रविष्ट हुए तो उन्होंने इस गुफा के भीतर महादेव शिव सहित ३३ कोटि देवताओं के साक्षात दर्शन किये थे। द्वापर युग में पाण्डवों ने यहां चौपड़ खेला और कलयुग में

उत्तराखंड की संस्कृति और इतिहास || History and Culture of Uttarakhand

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via https://youtu.be/wX7i_l6usME

लोग पूछते है क्या है पहाड़ में || biutiful devbhoomi

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via https://youtu.be/-oAn8pYguco

Didihat mahotsav || didihat nanda mahotsav 2021

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via https://youtu.be/9lNVAHzzopE

लोग पूछते है क्या है पहाड़ में || devbhoomiindia

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via https://youtu.be/6TVCMtPeV_0

पहाड़ों की दिवाली || How we celebrate diwali in pahadh ||दिवाली (बग्वाल) गांव वाली🎆🎆

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via https://youtu.be/3XiV1N7oM_0

9 November ||उत्तराखंड स्थापना दिवस

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via https://youtu.be/2vU7S95V0X4

भाईदूज की हार्दिक शुभकामनाएं || bhaija dooj 2021 ||

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via https://youtu.be/kQouwPfxSwg

गोवर्धन पूजा महत्व || gowardhan puja 2021 || Uttarakhand gowardhan Puja

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via https://youtu.be/incuQr788gE गोवर्धन पूजा का महत्व मान्यता है जो गोवर्धन पूजा करने से धन, संतान और गौ रस की वृद्धि होती है। गोवर्धन पूजा प्रकृति और भगवान श्री कृष्ण को समर्पित पर्व है। इस दिन कई मंदिरों में धार्मिक आयोजन और अन्नकूट यानी भंडारे होते हैं। पूजन के बाद लोगों में प्रसाद बांटा जाता है। इस दिन आर्थिक संपन्नता के लिए गाय को स्नान कराकर उसका तिलक करें। गाय को हरा चारा और मिठाई खिलाएं। फिर गाय की 7 बार परिक्रमा करें। इसके बाद गाय के खुर की पास की मिट्टी एक कांच की शीशी में लेकर उसे अपने पास रख लें। मान्यता है ऐसा करने से धन-धान्य की कभी कमी नहीं होगी।  कैसे हुआ गोवर्धन पूजा की शुरुआत?  हिंदू धार्मिक मान्यताओं अनुसार जब इंद्र ने अपना मान जताने के लिए ब्रज में तेज बारीश की थी तब भगवान श्री कृष्ण ने गोवर्धन पर्वत को अपनी उंगली पर उठाकर ब्रज वासियों की मूसलाधार बारिश से रक्षा की थी। जब इंद्रदेव को इस बात का ज्ञात हुआ कि भगवान श्री कृष्ण भगवान विष्णु के अवतार हैं तो उनका अहंकार टूट गया। इंद्र ने भगवान श्री कृष्ण से क्षमा मांगी। गोवर्धन पर्वत के नीचे सभी गोप-गोपियाँ, ग्वाल-बाल,

Diwali garur Bageshwar || Happy diwali

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via https://youtu.be/zztVPP5Prlk