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मेरी मां के बराबर कोई नहीं || Love 💕 you

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via https://youtu.be/SmXz3QvANKA

jiya Rani temple Ranibag || Live Darshan jiya rani || RANIBAG HALDWANI

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via https://youtu.be/Sm2kPFo7PXc नमस्कार दोस्तों आज की इस वीडियो में हम देख रहे हैं। जिया रानी का प्रसिद्ध मंदिर जो कि रानीबाग हल्द्वानी में स्थित है। वह हल्द्वानी से 7 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। नैनीताल हाइवे पर यही से कुछ दूरी से भीमताल को भी रोड करती है। एक भीमताल को करते हैं और एक भवाली को वही का खूबसूरत जियूं। मैं आज की वीडियो में आप लोगों को देखा रहा हूं। उम्मीद करता हूं। आप लोगों को वीडियो जरूर पसंद आएगी। वीडियो पसंद आती है तो अधिक से अधिक लोगों तक शेयर जरूर कीजिएगा और ऐसी वीडियो के लिए चैनल को सब्सक्राइब जरूर कीजिएगा। #uttarakhandtempleyatra

Jiya Rani Temple Ranibag

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via https://youtu.be/RYXlZ2eq8tI

2021 Diwali date || when is diwali in 2021 in india ||Diwali kab hai

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लक्ष्मी पूजा हिंदू धर्म में दिवाली के त्योहार का विशेष महत्व होता है। हर साल कार्तिक मास की अमावस्या तिथि पर दिवाली का त्योहार मनाया जाता है। दिवाली के पावन दिन भगवान गणेश और माता लक्ष्मी की विधि- विधान से पूजा- अर्चना की जाती है। इस वर्ष 4 नवंबर को मनाई जाएगी गोवर्धन पूजा  कब  मनाई जाती है दीपावली के अगले दिन शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि को गोवर्धन पूजा या अन्नकूट का त्योहार मनाया जाता है। इस दिन विशेष रूप से गाय, बैल, बछड़े और घर के पालतू पशुओं की पूजा की जाती है। पौराणिक कथा के अनुसार इस दिन भगवान श्री कृष्ण ने मथुरावासियों की रक्षा के लिए गोवर्धन पर्वत उठाया था। इस दिन मथुरा में गोवर्धन पर्वत की परिक्रमा करने का विधान है। इसके अलाव इस दिन लोग अपने घरों में गोबर से गोवर्धन पर्वत बना कर उसका पूजन करते हैं। इस वर्ष 5 नवंबर को मनाई जाएगी भाईदूज कब  मनाया जाता है  भाईदूज का पर्व देशभर में कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष की द्वितीय तिथि को मनाया जाता है. इस दिन बहनें भाई के माथे पर तिलक करके उसकी लंबी आयु और सुख समृद्धि की कामना करती हैं. इस वर्ष 6 नवंबर को मनाई जाएगी/

देवभूमि में कुदरत का कहर || Uttarakhand heavy rain || Natural calamity

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via https://youtu.be/0d4fn-JH3L दोस्तों और की विडियो में हम जानें बारिश के कारण उत्तराखंड के अलग-अलग स्थानों में हुई घटनाएं जिससे आपको यह समझ आएगा कि कितनी कठिन परिस्थितियों में यहां का जनमानस अपना जीवन व्यतीत करता है और क्या-क्या समस्याएं उनके जीवन में आती हैं। कनेक्टिविटी कैसे ध्वस्त होती है उसकी एक झलक आपको इसकी क्योंकि माध्यम से देखने को मिलेगी। उम्मीद करता हूं। आप लोगों को यह जरूर जानने को मिलेगा की प्रकृति किस तरह से अपना स्वरूप बदलती है तो किस तरह का बर्ताव हम लोगों के साथ करती है , हम लोगों का भी दायित्व बन जाता है। प्रकृति को साफ सुथरा  रखें और पेड़ पौधे लगाने , आप भी इसमें अपना सहयोग जरुर करें और प्रकृति को हमेशा साफ-सुथरा रखें ताकि वह हमारे साथ हमेशा अच्छा व्यवहार करें

उत्तराखंड में कौन कौन सी फसलें होती हैं? ||पहाड़ का पारंपरिक व पौष्टिक अनाज ||dishes of uttarakhand

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via https://youtu.be/-ULVLUWHGCc

जिया रानी का इतिहास || जिया रानी की कहानी || History of Jiya Rani || कुम...

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जिया रानी जिया रानी का वास्तविक नाम मौला देवी था, जो हरिद्वार (मायापुर) के राजा अमरदेव पुंडीर की पुत्री थी। सन 1192 में देश में तुर्कों का शासन स्थापित हो गया था, मगर उसके बाद भी किसी तरह दो शताब्दी तक हरिद्वार में पुंडीर राज्य बना रहा। मौला देवी, राजा प्रीतमपाल की दूसरी रानी थी। मौला रानी से 3 पुत्र धामदेव, दुला, ब्रह्मदेव हुए, जिनमें ब्रह्मदेव को कुछ लोग प्रीतम देव की पहली पत्नी से जन्मा मानते हैं। मौला देवी को राजमाता का दर्जा मिला और उस क्षेत्र में माता को ‘जिया’ कहा जाता था इस लिए उनका नाम जिया रानी पड़ गया। जिया रानी के मेला उत्तराखंड में मनाए जाने वाला मकर संक्रांति का मेला रानीबाग (जिया रानी) हल्द्वानी में आयोजित किया जाता है। उसकी क्या क्या विशेषता है और कौन-कौन से आप मंदिर यहां पर मिलेंगे। आपको देखने को उसकी जानकारी में आज की वीडियो में आप लोगों को दे रहा हूं। यहां पर शनिदेव का मंदिर है। भगवान शिव को समर्पित मंदिर जिया रानी की गुफाएं और साथ में शीतला देवी नाम से एक घागरा प्रसिद्ध है , तो आईये जानते हैं इस मेले को जिया रानी के मेले के नाम से भी जाना जाता है। Follow more inf