बाराही मन्दिर देवीधुरा || बग्वाल मेला 2022 ||बग्वाल मेला देवीधुरा उत्तराखंड


via https://youtu.be/ltRO0BM9MH0

माँ वाराही का मन्दिर


वैष्णवी माँ वाराही का मन्दिर भारत में गिने चुने मन्दिरों में से है। पौराणिक कथाओं के आधार पर हिरणाक्ष व अधर्मराज पॄथ्वी को पाताल लोक ले जाते हैं। तो पृथ्वी की करूण पुकार सुनकर भगवान विष्णु वाराह का रूप धारण कर पृथ्वी को बचाते है। तथा उसे वामन में धारण करते है। तब से पृथ्वी स्वरूप वैष्णवी वाराही कहलायी गई। यह वैष्णवी आदि काल से गुफा गहवर में भक्त जनों की मनोकामना पूर्ण करती आ रही

माँ बाराही देवी मंदिर की जो उत्तराखंड राज्य के देवीधुरा में स्थित मां बाराही धाम एक प्राचीन धार्मिक स्थल हैं। और माँ बाराही मंदिर उत्तराखण्ड राज्य के लोहाघाट नगर से 60 किलोमीटर दूर स्थित है। जिसे देवीधुरा के नाम से भी जाना जाता हैं। समुद्र तल से लगभग 1850 मीटर की उँचाई पर स्थित है, 


बग्वाल मेला देवीधुरा उत्तराखंड
Devbhoomiindia


प्रमुख आकर्षण ’’बग्वाल’’ है। जो श्रावणी पूर्णिमा को खेली जाती है। ’’बग्वाल’’ एक तरह का पाषाण युद्ध है जिसको देखने देश के कोने-कोने से दर्शनार्थी इस पाषाण युद्ध में चार खानों के दो दल एक दूसरे के ऊपर पत्थर बरसाते है बग्वाल खेलने वाले अपने साथ बांस के बने फर्रे पत्थरों को रोकने के लिए रखते हैं। मान्यता है कि बग्वाल खेलने वाला व्यक्ति यदि पूर्णरूप से शुद्ध व पवित्रता रखता है तो उसे पत्थरों की चोट नहीं लगती है। सांस्कृतिक प्रेमियों के परम्परागत लोक संस्कृति के दर्शन भी इस मेले के दौरान होते हैं। यह मेला प्रति वर्ष रक्षा बंधन के अवसर पर 15 दिनों के लिए आयोजित किया जाता है जिसमें अपार जन समूह दर्शनार्थ पहुंचता है।
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