सरदार वल्लभभाई पटेल की जयंती || राष्ट्रीय एकता दिवस || Birth anniversary of Sardar Vallabhbhai Patel ||Vallabhbhai Patel - Wikipediaen.wikipedia.org › wiki › Vallabhbhai_Patel

The iron man

उत्तराखंड 🇮🇳🇮🇳 की सभ्यता ,संस्कृति 🙏 से आपको जोड़ने की कोशिश 🙏🙏 उत्तराखंड की सभ्यता और संस्कृति से जोड़ी जानकारी कै लिए पेज को फोलो करें , जय देवभूमि जय उत्तराखंड जय हिन्द 


भारत के लौह-पुरुष जिन्होंने देश को एक सूत्र में पिरोया,भारत की अखंडता को सुनिश्चित करने वाले सरदार_बल्लभ_भाई_पटेल जी की जयंती पर नमन।
य़ह राष्ट्रीय एकता दिवस देश के लिये उनके समर्पण,उनके कार्यों,और उनकी दृढ़ इच्छाशक्ति का प्रतीक हैं।
562 रियासतों का एकीकरण कर देश की एकता के सूत्रधार, आधुनिक भारत के निर्माता, निष्ठा और ईमानदारी के पर्याय, स्वतंत्र भारत के पहले उप-प्रधानमंत्री भारत रत्न एवं लौह पुरुष के नाम से विश्व विख्यात सरदार वल्लभ भाई पटेल जी 

   
आज देश लोह पुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल की 145 जयंती मना रहे हिंदुस्तान को आजादी मिलने के बाद सरदार वल्लभभाई पटेल की पूरे राष्ट्र में एकता के सूत्र में पिरोने में महत्वपूर्णभूमिका रही है। यही कारण है कि वल्लभ भाई पटेल की जयंती को देश में राष्ट्रीय एकता दिवस के तौर पर मनाया जाता है। पहली बार राष्ट्रीय एकता दिवस सन 2014 में मनाया गया था। सरदार वल्लभभाई पटेल आजादी के बाद देश के पहले उप प्रधानमंत्री और गृह मंत्री भी थे। यह जाने
 सरदार वल्लभ भाई पटेल के।सरदार वल्लभभाई पटेल का जन्म 31 अक्टूबर 18 से 75 को गुजरात के नाथ याद में हुआ। लंदन जाकर उन्होंने बैरिस्टर की पढ़ाई की और वापस आकर अहमदाबाद में वकालत करने लगे। महात्मा गांधी के विचारों से प्रेरित होकर उन्होंने भारत की स्वतंत्रा आंदोलन में भागसरदार वल्लभभाई पटेल का जन्म 31 अक्टूबर 18 75 को गुजरात के नाथ याद में हुआ। लंदन जाकर उन्होंने बैरिस्टर की पढ़ाई की और वापस आकर अहमदाबाद में वकालत करने लगे। महात्मा गांधी के विचारों से प्रेरित होकर उन्होंने भारत की स्वतंत्रा आंदोलन में स्वतंत्रा आंदोलन में सरदार पटेल का पहला और बड़ा योगदान 1918 में खेड़ा संघर्ष में था। उन्होंने 1928 में हुए।बारदोली सत्याग्रह में किसान आंदोलन को सफल नेतृत्व में भी भाग लिया। लोह पुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल भारत के पहले उप प्रधानमंत्री और गृहमंत्री थे। स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद देसी रियासतों का एकीकरणअखंड भारत के निर्माण में उनके योगदान को भुलाया नहीं जा सकता। उन्होंने 562 छोटी-बड़ी रियासतों का भारतीय संघ में विलीनीकरण करके भारतीय एकता का निर्माण किया है।
महात्मा गांधी ने सरदार पटेल को लौह पुरुष की उपाधि दी थी।गुजरात में नर्मदा के सरदार सरोवर बांध के सामने सरदार वल्लभ भाई पटेल की182मीटर 597 फीट ऊंची लोहा प्रतिमा का निर्माण किया गया है। यह विश्व की सबसे ऊंची प्रतिमा है। इसे 31 अक्टूबर सन 2018 को देश को समृद्ध किया गया। स्टैचू ऑफ लिबर्टी की ऊंचाई केवल 93 मीटर है।
यह सरदार पटेल का ही विजय था कि भारतीय प्रशासनिक सेवा ही देश को एक रखने के हैं। भूमिका निभाई। उन्होंने भारतीय प्रशासनिक सेवाओं को मजबूत बनाने पर काफी जोर दिया। उन्होंने सिविल सेवाओं को स्टीम फ्रेम कहा था।
बारडोली सत्याग्रह आंदोलन के सफल होने के बाद वहां की महिलाओं ने वल्लभ भाई पटेल को सरदार की उपाधि प्रदान की थी। किसी भी देश का आधार उस की एकता अखंडता में निहित होता है और सरदार पटेल देश की एकता के सूत्र दारु थे। इसी वजह से उनके जन्मदिन को राष्ट्रीय एकता दिवस के तौर पर मनाया जातासरदार पटेल जी का निधन 15 दिसंबर 1950 को मुंबई में हुआ था। सन 1991 में सरदार पटेल को मरोड़ा प्राप्त भारत रत्न से सम्मानित किया गया था |


सबसे ऊंचा था वो, है और रहेगा, भारत की शान था वो सदा अमर रहेगा
सबसे ऊंचा, सबसे शानदार, लौह पुरुष है हमारा सरदार... 
सादर नमन .🙏🙏



#india #उत्तराखंड का इतिहास , #devbhoomiuttarakhand पोस्ट लेखकों के नाम PANKAJ TEWARI Gaurav Bisht Neeraj Bisht Pooja Neha and Devbhoomi uttarakhand group Following devbhoomi uttarakhand Facebook https://www.facebook.com/Pankajtewari080/ Instagram https://www.instagram.com/devbhoomi080uttrakhand/

टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

निरंकार देवता उत्तराखंड || Nirankar Devta Story In Hindi || nirankar devta jager

बागनाथ मंदिर (बागेश्वर) || bageshwar uttarakhand india || About bageshwar